Bihar Board 10th result 2020: शहरी विद्यार्थियों पर बहुत भारी पड़ी गावों की प्रतिभाएं
इस बार के बिहार मैट्रिक रिजल्ट ने जिलों के बड़े-बड़े और नामी स्कूलों की पोल खोलकर रख दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हाईस्कूलों के छात्र-छात्राओं ने शहर के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों से...
इस बार के बिहार मैट्रिक रिजल्ट ने जिलों के बड़े-बड़े और नामी स्कूलों की पोल खोलकर रख दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हाईस्कूलों के छात्र-छात्राओं ने शहर के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों से बढ़िया प्रदर्शन किया है।
बेगूसराय में स्टेट टॉप 10 में जिले के ग्रामीण क्षेत्र के दो बच्चों समेत जिला टॉप फाइव में भी देहाती क्षेत्र के बच्चों ने जगह बनाते हुए अपनी प्रतिभा का डंका बजाया है। वहीं, नवादा जिले के स्कूलों के बच्चे जो पूर्व में बिहार टॉपर रह चुके हैं, इस बार यहां का कोई बच्चा टॉप टेन में जगह नहीं बना पाया। सासाराम में टॉप टेन में जगह बनाने वाले रोहतास के दोनों छात्र ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों के हैं। बिहार टॉपर बना छात्र जनता हाईस्कूल तेनुअज दिनारा का है। औरंगाबाद जिले में जिन प्रतिष्ठित स्कूलों से निकलकर छात्र आईपीएस और डायरेक्टर बने, वहां अब परीक्षा परिणाम की सुधि नहीं ली जाती है। भभुआ में भी इस बार ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने बेहतर प्रदर्शन किया है। कुदरा के सिसवार गांव के प्लस टू हाईस्कूल के प्रदीप गुप्ता ने 471 अंक प्राप्त कर बिहार के टॉप टेन में जगह बनाई है। इस वर्ष अनुमंडल व जिला मुख्यालय में स्थित स्कूलों के बच्चे सामान्य प्रदर्शन कर पाए हैं।
आगे रहे गांव के स्कू ल: बक्सर के टॉप फाइव में एक-दो को छोड़कर शेष सभी ग्रामीण क्षेत्रों के हाईस्कूल के विद्यार्थी हैं। हाजीपुर का चर्चित जीए इंटर स्कूल का हर वर्ष प्रदर्शन खराब होता जा रहा है। नालंदा में भी नामी-गिरामी स्कूलों के छात्र टॉपर्स की सूची में नहीं आए जबकि ग्रामीण इलाकों के हाईस्कूलों के बच्चों ने इस बार बाजी मार ली।
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