Bihar Board 10th Result 2020: परीक्षा पैटर्न में बदलाव से सिमुलतला रहा बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट में फिसड्डी
शिक्षकों की कमी, प्रबंधन का अभाव और बार-बार प्रवेश परीक्षा पैटर्न में बदलाव ने सिमुलतला आवासीय विद्यालय के छात्रों को टॉपर सूची से बाहर कर दिया। विद्यालय के प्रवेश परीक्षा में पहली बार 2015 में बदलाव...
शिक्षकों की कमी, प्रबंधन का अभाव और बार-बार प्रवेश परीक्षा पैटर्न में बदलाव ने सिमुलतला आवासीय विद्यालय के छात्रों को टॉपर सूची से बाहर कर दिया। विद्यालय के प्रवेश परीक्षा में पहली बार 2015 में बदलाव किया गया। दो स्तरीय प्रवेश परीक्षा को एक स्तरीय कर दिया गया। यह केवल वस्तुनिष्ठ प्रश्न पर आधारित था।
शिक्षकों की भी कमी
ज्ञात हो कि सिमुलतला आवासीय विद्यालय समिति द्वारा तीन स्तरीय परीक्षा के बाद ही छात्रों का प्रवेश होता था। पहला प्रारंभिक परीक्षा होती थी। यह वस्तुनिष्ठ प्रश्न पर आधारित रहता था। इसमें चयनित छात्र दूसरी परीक्षा में शामिल होते थे। यह गैर वस्तुनिष्ठ होता था। यह काफी टफ होता था। इसमें चयन के बाद मेडिकल जांच के बाद छात्रों को प्रवेश मिलता था। 2010 से 2014 तक तो सही रहा लेकिन 2015 में परीक्षा पैटर्न को बिहार बोर्ड ने एक स्तरीय कर दिया।
सिमुलतला के मैट्रिक टॉपर की संख्या
वर्ष टॉप टेन में छात्र
2015 31 टॉपर में 30
2016 42 टॉपर में 42
2017 22 टॉपर में 12
2018 23 टॉपर में 16
2019 18 टॉपर में 16
2020 41 टॉपर में 3
राजीव रंजन (प्राचार्य, सिमुलतला आवासीय विद्यालय) ने कहा- स्कूल में मूलभूत संरचना का बहुत अभाव है। शिक्षकों की कमी है। इसमें सुधार की आवश्यकता है। 2015 में परीक्षा पैटर्न बदल दिया गया था।
दस करोड़ का सालाना बजट, पर अपना भवन नहीं
सिमुलतला आवासीय विद्यालय शिक्षकों की कमी के अलावा अपना भवन को भी तरस रहा है। विद्यालय के पूर्व प्राचार्य शंकर कुमार ने बताया कि विद्यालय का सालाना दस करोड़ रुपये का बजट है लेकिन अभी स्कूल किराये के मकान में चल रहा है। स्कूल के पास जमीन है पर अभी तक भवन नहीं बन पाया है। उन्होंने बताया कि विद्यालय के सुधार के लिए चार बार कमेटी बन चुकी है। हर बार कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी दी है पर इसे लागू नहीं किया गया है।
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