Bihar Board 10th Result 2020: टॉप-10 में भोजपुर के इन दो छात्रों ने बनाई जगह, सेना में जाने का है सपना
मैट्रिक परीक्षा में भोजपुर के विद्यार्थियों ने शानदार सफलता पाई है। बिहार के टॉप-10 में भी जगह बनाने में यहां के दो छात्रों ने कामयाबी पाई है। आरा के शुभम कुमार ने संयुक्त तौर पर बिहार के टॉप थ्री...
मैट्रिक परीक्षा में भोजपुर के विद्यार्थियों ने शानदार सफलता पाई है। बिहार के टॉप-10 में भी जगह बनाने में यहां के दो छात्रों ने कामयाबी पाई है। आरा के शुभम कुमार ने संयुक्त तौर पर बिहार के टॉप थ्री में स्थान पाया है तो उदवंतनगर के अनुराग राज ने भी संयुक्त तौर पर नौवीं रैंकिंग हासिल की है। शुभम को कुल 500 अंकों में से 478 अंक मिले हैं। वह तीन विद्यार्थियों के साथ संयुक्त तौर पर तीसरे स्थान पर है। वहीं अनुराग राज ने 472 अंक प्राप्त कर छह विद्यार्थियों के साथ संयुक्त तौर पर नौवें स्थान पर है। बता दें कि टॉप-10 में कुल 41 विद्यार्थी अपनी जगह बनाने में सफलता हासिल की है। दोनों टॉपरों की भविष्य में सैन्य अफसर बनने की तमन्ना है। दोनों ने इसी दिशा में अपना कॅरियर बढ़ाने की बात कही है।
शुभम की ख्वाहिश एयरफोर्स अफसर बनने की
मैट्रिक परीक्षा में सूबे में तीसरा स्थान हासिल करने वाला शुभम कुमार श्री हरखेन कुमार जैन ज्ञानस्थली आरा का छात्र है। आरा शहर के आरण्य देवी बड़ी मस्जिद गुदरी बाजार निवासी कृष्णा कुमार व पार्वती देवी के पुत्र शुभम को 478 नंबर अर्थात 95.6 प्रतिशत अंक मिले हैं। पिता ट्रैक्टर पार्ट्स के कारोबारी व मां गृहिणी हैं। शुभम आगे की पढ़ाई कर एयर फोर्स में अधिकारी बनना चाहता है। बेटे की सफलता पर उसके माता-पिता की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। रिजल्ट मिलने के बाद दोनों ने अपने बेटे को मिठाई खिला उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। शुभम ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी कड़ी मेहनत के साथ माता-पिता के आशीर्वाद और शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन को दिया है। दो भाई-बहनों में छोटी बहन सुरभि कुमारी नौवीं क्लास की छात्रा है। सुरभि भी अपने भाई की सफलता पर काफी खुश है। उसने बताया कि भाई की सफलता से उसे भी प्रेरणा मिली है कि वह भी अभी से मेहनत करे ताकि भाई की सफलता को दुहरा सके। उधर, शुभम की सफलता पर विद्यालय परिवार भी गौरवान्वित है। प्रधानाचार्य ने शुभम को बुला उसका हौसला बढ़ाया।
पिता कारोबारी व मां गृहिणी, पर बेटे की रुचि पढ़ाई में
शुभम के पिता कारोबारी व मां गृहिणी हैं। फिर भी शुभम की रुचि पढ़ाई में ज्यादा था। दो भाई-बहनों में बड़ा रहने के बाद घर में उसे अलग से गाइड करने वाला भी कोई बड़ा भाई नहीं था पर उसने यह मुकाम अपनी मेहनत व पढ़ाई के प्रति रुचि के जरिए हासिल किया है। मैट्रिक परीक्षा देने के बाद से ही उसे टॉप-10 में आने की उम्मीद थी। वह इस बात की चर्चा अपनी छोटी बहन से किया करता था। रिजल्ट आने पर उसकी उम्मीद पूरी भी हो गई।
अनुराग बनना चाहता है एनडीए अफसर
भोजपुर के उदवंतनगर प्रखंड के स्थानीय उदवंतनगर गांव के फत्ते पट्टी गढ़ भवानी मुहल्ले के निवासी अनुराग राज ने मैट्रिक परीक्षा के जारी रिजल्ट में 472 अंकों के साथ 94.4 प्रतिशत अंक हासिल कर संयुक्त रूप से नौवां स्थान प्राप्त किया है। रिजल्ट आने के साथ ही अनुराग के परिजनों में खुशी का माहौल है। शिक्षक से लेकर सहपाठियों और रिश्तेदारों की ओर से बधाइयां देने का सिलसिला जारी है। वह भविष्य में एनडीए में जाकर सेना का अधिकारी बनना चाहता है।
उदवंतनगर निवासी रामकुमार सिंह व सुचित्रा सिंह का तीसरा व सबसे छोटा पुत्र है अनुराग। वह शुरू से ही पढ़ने-लिखने में मेधावी रहा है। अनुराग के दो बड़े भाई आदित्य राज व अभिजित राज अभी पटना में रहकर तैयारी करते हैं। तीन भाइयों में सबसे छोटा अनुराग गांव के ही राम जानकी उच्च विद्यालय का छात्र है और वह अपने घर पर ही रहकर पूरी तैयारी कर यह मुकाम हासिल किया है। अनुराग अपनी सफलता का श्रेय मम्मी-पापा और दोनों बड़े भाइयों के साथ ही शिक्षकों को दिया। उसने कहा कि उसके शिक्षक प्रकाश सर व रफ्फू सर ने बेहतर तरीके से मैथ पढ़ाया। अजय सर ने साइंस और प्रीतम सर ने अंग्रेजी की बेहतर तैयारी कराई। इसके अलावा मंझले भाई अभिजित ने भी मार्गदर्शन किया। उसी का परिणाम है कि मैट्रीक की परीक्षा में बेहतर कर सका।
प्राइवेट नौकरी कर बेटों को दी बेहतर शिक्षा
उदवंतनगर गांव निवासी राम कुमार सिंह मुम्बई में एक कंस्ट्रक्सन कम्पनी में प्राइवेट नौकरी करते हैं और अब भी वे मुम्बई में ही हैं। उनके तीन बेटे हैं, जिन्हें वे शुरू से ही बेहतर शिक्षा देने को प्रयासरत हैं। दोनों बड़े बेटे भी अच्छे अंकों के साथ मैट्रिक पास करने के बाद पटना में रहकर आगे की पढाई कर रहे हैं। छोटा बेटा अनुराग अपनी मम्मी के साथ घर का काम देखने के साथ ही पढ़ाई करता है। पिता ने कहा कि बेहतर पढ़ाई के लिए बेटों को अच्छा ट्यूशन देने का प्रयास किया। अब रिजल्ट सुनकर बहुत खुशी हो रही है। इधर, मम्मी सुचित्रा को जब अपने छोटे बेटे का नाम परीक्षा परिणाम आने के बाद टॉपर सूची में होने की खबर मिली तो आंखों से खुशी से आंसू छलक पड़े। उसने अपने बेटे को सीने से लगा माथा चूम लिया।
बायें हाथ से सुंदर लिखावट की होती है सराहना
अनुराग गांव के ही राम जानकी उच्च विद्यालय में पढ़ाई करने के साथ ही गांव में ट्यूशन पढ़ता था। उसकी सफलता में शिक्षकों के भरपूर सहयोग के अलावा मम्मी-पापा व दोनों बड़े भाइयों का भी अहम योगदान रहा है। वह बायें हाथ से लिखता है। उसकी सुन्दर लिखावट की सराहना स्कूल के शिक्षक से लेकर सभी छात्र भी करते रहे हैं। अब सभी दे रहे हैं बधाई। ग्रामीण भी खुश हैं।
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