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Bihar Board 10th Result 2020: मैट्रिक के बाद खुल जाते हैं करियर के द्वार

मैट्रिक के बाद छात्र-छात्राओं के लिए कई तरह के कॅरियर के द्वार खुल जाते हैं। मैट्रिक के बाद ही पढ़ाई का फैसला सोच-समझकर करना चाहिए। मैट्रिक के बाद ही साइंस, आट्स या कॉमर्स की पढा़ई अपनी क्षमता के...

Pankaj Vijay वरीय संवाददाता, पटनाTue, 26 May 2020 05:40 PM
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मैट्रिक के बाद छात्र-छात्राओं के लिए कई तरह के कॅरियर के द्वार खुल जाते हैं। मैट्रिक के बाद ही पढ़ाई का फैसला सोच-समझकर करना चाहिए। मैट्रिक के बाद ही साइंस, आट्स या कॉमर्स की पढा़ई अपनी क्षमता के अनुसार के करना चाहिए। किसी तरह के दबाव में नहीं आना चाहिए। अभिभावकों को बच्चों पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाना चाहिए। कॅरिया काउंसिलर आशीष आर्दश बताते हैं कि मैट्रिक के बाद से ऑप्शन के द्वार खुलते हैं। मैट्रिक के तुरंत बाद अपनी क्षमता का आकलन करते हुए कोई उपर्युक्त पाठ्यक्रम का चयन करना चाहिए। कॅरियर में मैट्रिक वह पड़ाव है, जो आपके भविष्य की दिशा व दशा, दोनों तय करता है।  अतः अब आगे आप क्या चुनेंगे, यह बेहद महत्वपूर्ण है।  

10वीं के बाद आगे बढ़ने के दो रास्ते हैं – 
एक, परम्परागत तरीके से आप 10+2 में दाखिला लीजिये और उसके बाद 10+2 में लिए गए विषयों के आधार पर आगे विकल्प चुनिए। दूसरा, 10वीं के ही आधार पर कॅरियर विकल्पों का चयन कीजिये। आज कई ऐसे पाठ्यक्रम या कॅरियर विकल्प भी देश में हैं, जिनमे प्रवेश का आधार 10वीं है और आज हम ऐसे ही 10 करियर विकल्पों पर नजर डालेंगे । 

इंजीनियरिंग डिप्लोमा :
यदि आपकी रूचि बगैर बीटेक किये इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर बनाने की है, तो 10वीं के बाद तीन साल का इंजीनियरिंग डिप्लोमा पाठ्यक्रम में आप प्रवेश ले सकते हैं। यदि आपकी इस क्षेत्र में आगे की पढ़ाई करने की रूचि हो तो इस डिप्लोमा के बाद आपका दाखिला बीटेक (बैचलर इन टेक्नोलोजी) में हो सकता है। रोजगार की दृष्टि से भी यह पाठ्यक्रम कारगर है, क्योंकि इसके बाद आप सरकारी निकायों जैसे भेल,बीएसएनएल, बिजली विभाग, इत्यादि में जूनियर इंजिनियर के तौर पर बहाली हो सकती है। इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की तरह ही इसमें सिविल, इलेक्ट्रिकल, मेकेनिकल सहित अनेक तकनीकी विषय विकल्प के तौर पर लिए जा सकते हैं। यह डिप्लोमा देश भर के कई तकनीकी संस्थानों में कराया जाता है और ये तकनीकी संसथान डिप्लोमा पाठ्यक्रम चलाने के लिए भारत सरकार की संस्था ऑल इंडिया काउन्सिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (एआईसीटीई) द्वारा मान्यता प्राप्त होते हैं। इन मान्यता प्राप्त संस्थानों की सूची आपको एआईसीटीई के वेबसाईट www.aicte-india.orgपर मिल जाएगी।

इंडियन आर्मी 
युवाओं के एक बड़े वर्ग में आपके कॅरियर के साथ साथ देश सेवा की भी भावना होती है और इस लिहाज से भारतीय सेना में 10वीं के आधार पर प्रवेश के कुछ विकल्प रखे गए हैं। आप मैट्रिक के बाद कई विभागों में जूनियर कमीशंड ऑफिसर यानि जेसीओ के तौर पर भारतीय सेना में प्रवेश पा सकते हैं। इस योग्यता के आधार पर थल सेना में जेनेरल ड्यूटी सोल्जर या ट्रेड्समैन सोल्जर के तौर पर और जल सेना में मैट्रिक रिक्रुट्स या म्युजिसियन के तौर पर आपका प्रवेश हो सकता है। विस्तृत जानकारी के लिए वेबसाईट www.nausena-bharti.nic.inऔर www.joinindianarmy.nic.in पर संपर्क करें। इस क्षेत्र की रिक्तियों की विस्तृत जानकारी समय पर रोजगार समाचार समाचार-पत्र में प्रकाशित किया जाता है। 

आईटीआई पाठ्यक्रम 
भारत सरकार ने हाल के दिनों में ‘मेक इन इंडिया’ का नारा दिया है. सरकार का कहना है कि यदि इस योजना कारगर होती है, तो विदेशी कम्पनियाँ भारत में अपना प्लांट लगाएंगी, जिसके लिए उनको हर स्तर के प्रशिक्षित लोगों की आवश्यकता होगी। ऐसी स्थिति में आईटीआई यानि इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीच्युट के पाठ्यक्रमों की खासी भूमिका होगी। इन पाठ्यक्रमों में लगभग सभी प्रकार के औद्योगिक इकाईयों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण कार्यक्रम होते हैं, जैसे – रेफ्रिजेरेशन, डाई-मेकिंग, वायरमैन, इलेक्ट्रीशियन, मोटर ओपरेटर, डीजल मेकेनिक, मोबाईल मेकेनिक, स्टेनोग्राफर, आईटी ओपरेटर, कारपेंटर, प्लम्बर, टेलीकम्युनिकेशन इत्यादि इत्यादि। 10वीं पूरा करने के बाद युवाओं का एक बड़ा वर्ग आज भी इन पाठ्यक्रमों में पंजीकृत है।

पुलिस विभाग
पुलिस में कई ऐसे विभाग हैं, जिनमे दसवीं के आधार पर पुलिस कॉन्स्टेबल की नियुक्ति की जाती है. राज्य पुलिस जैसे बिहार पुलिस, झारखण्ड पुलिस, दिल्ली पुलिस इत्यादि, रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स यानि आरपीएफ, बोर्डर सेक्युरिटी फ़ोर्स यानि बीएसएफ जैसे निकायों में ये दाखिले होते हैं। महिलाओं के लिए इसी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर लेडी कॉन्स्टेबल की भी नियुक्ति होती है। बाद में इन अभ्यर्थियों को कार्यानुभव के आधार पर सब-इन्स्पेक्टर और फिर इन्स्पेक्टर के पद पर प्रोमोट किया जाता है। इन नियुक्तियों की घोषणा भी ‘रोजगार समाचार’ समाचारपत्र में प्रकाशित की जाती है।

भारतीय रेल
भारतीय रेल में भी विभिन्न पदों और विभागों में दसवीं उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति होती रहती है। यदि आप केवल दसवीं उत्तीर्ण हैं, तो रेलवे टिकट कलक्टर, हेल्पर, कमर्शियल क्लर्क इत्यादि के तौर पर आवेदन दे सकते हैं और यदि आपने मैट्रिक के साथ किसी तकनीकी विषय में आईटीआई या डिप्लोमा भी कर लिया है तो रेलवे के ग्रेड 3 अंतर्गत टेक्नीशियन शिट मेटल वर्कर, टेक्नीशियन पाईप लाइन फिटर, टेक्नीशियन फ़िल्टर ऑपरेटर मेकेनिक, टेक्नीशियन इलेक्ट्रिकल, टेक्नीशियन वेल्डर जैसे अनगिनत विभिन्न तकनीकी पदों पर आप चयनित हो सकते हैं। इन रिक्तियों की अधिसूचना आरआरबी यानि रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड द्वारा किया जाता है, जिसे आप रोजगार समाचार सहित अनेक प्रमुख समाचार पत्र में देख सकते हैं।

रियल एस्टेट
देश में जिन क्षेत्रों में लगातार प्रगति का ट्रेंड देखा जा रहा है, उनमे एक है रियल एस्टेट। इस क्षेत्र में उन छात्रों के लिए भी प्रवेश की संभावनाएं है, जो मैट्रिक के बाद सीधे इसमें प्रवेश करना चाहते हैं। एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स इन कंस्ट्रक्शन साईट सुपरवाईजर या एक वर्षीय सिविल सुपरवाईजर जैसा पाठ्यक्रम आपको तत्काल रोजगार के अवसर दे सकता है। ये पाठ्यक्रम निजी संस्थानों द्वारा कराये जाते हैं, विश्वविद्यालयों में अभी इस प्रकार के पाठ्यक्रम उपलब्ध नहीं हैं।

कम्प्यूटर एनिमेशन और डीटीपी
एक अनुमान के अनुसार, कम्प्यूटर एनिमेशन का बाज़ार केवल भारत में ही सालाना पांच हज़ार करोड़ का है। मैट्रिक के बाद सर्टिफिकेट इन कम्प्यूटर एनिमेशन आपको जहाँ एक और किसी आईटी कंपनी से जोड़ सकता है। वहीँ दूसरी और आप अपनी खुद की भी ऐनिमेशन कंपनी स्थापित कर सकते हैं। यदि आपको सोंच में क्रियेटिविटी है, तो इस क्षेत्र के अपना सकते हैं। इसी प्रकार डीटीपी यानि डेस्क टॉप पब्लिशिंग वह एप्लीकेशन है, जो किसी भी विज्ञापन या पुस्तक की डिजाईनिंग का आधार है। रोजगार पाने या स्व-रोजगार में स्थापित होने के लिए यह क्षेत्र भी बेहद कारगर है।

असिस्टेंट मेडिकल लैब टेक्नीशियन :
सहायक मेडिकल लैब टेक्नीशियन की भूमिका खून-पेशाब जांच घरों या एक्सरे क्लीनिकों में महत्वपूर्ण होती है। वे मेडिकल टेक्नीशियन विशेषज्ञों को उनके काम को बेहतर ढंग से करने के लिए असिस्ट करते हैं। वैसे तो इस क्षेत्र में डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए गणित व विज्ञान विषयों के साथ बारहवीं उत्तीर्ण छात्रों को बुलाया जाता है, परन्तु कुछ संसथान सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम के लिए दसवीं की मांग करती है। रोजगार की दृष्टि से यह क्षेत्र बेहद कारगर है।

पर्यटन :
पर्यटन के क्षेत्र की विशेषता यह है कि जहाँ एक ओर इस क्षेत्र में रोजगार की कोई कमी नहीं, वहीँ दूसरी ओर यह आपको अपना रोजगार स्थापित करने का भी अवसर प्रदान करता है। एक वर्षीय डिप्लोमा इन ट्रैवेल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट और 1 वर्षीय डिप्लोमा इन फ़ूड प्रोडक्शन ऐसे पाठ्यक्रम हैं, जो आपको इस क्षेत्र में दसवीं के बाद सीधे तौर पर प्रवेश करा सकते हैं।

परम्परागत पाठ्यक्रम – आगे की पढ़ाई :
जैसा कि मैंने प्रारंभ में इस बात का जिक्र किया था, यदि आप आगे की पढ़ाई करने के बाद किसी करियर को चुना चाहते हों, तो दसवीं के बाद अपने चुने हुए करियर के आधार पर 10+2 में कोई विषय चुनें। दसवीं के बाद चार विकल्प उपलब्ध हैं - कला, वाणिज्य, गणित के साथ विज्ञान और बायोलोजी के साथ विज्ञान. एक बात का ध्यान रखें, अपने करियर में विकल्पों की जगह अवश्य रखें।  कला के छात्रों के लिए केवल टीचिंग और लॉ ही विकल्प नहीं हैं, वाणिज्य के छात्र केवल चार्टर्ड अकाउनटेंट ही नहीं बन सकते और विज्ञान के छात्र इंजिनियर और डॉक्टर के अतिरिक्त भी कई क्षेत्र चुन सकते हैं।

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