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Bihar board 10th result 2020: अंग्रेजी के अंक ने बेहतर किया स्कूलों का मैट्रिक रिजल्ट

बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में भले ही अंग्रेजी अनिवार्य विषय नहीं हो, लेकिन 2020 के मैट्रिक रिजल्ट में छात्रों के अंग्रेजी विषय के अंक ने स्कूल के रिजल्ट को बेहतर बना दिया है। प्रदेश भर के कई...

Anuradha Pandey रिंकू झा, पटना Sat, 30 May 2020 08:35 AM
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बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में भले ही अंग्रेजी अनिवार्य विषय नहीं हो, लेकिन 2020 के मैट्रिक रिजल्ट में छात्रों के अंग्रेजी विषय के अंक ने स्कूल के रिजल्ट को बेहतर बना दिया है। प्रदेश भर के कई स्कूलों के छात्रों ने अंग्रेजी विषय में अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। इतना ही नहीं छात्रों के अंग्रेजी के अंक अन्य विषयों में मिले अंक से ज्यादा भी है। लेकिन अंग्रेजी विषय पांच मुख्य विषयों में शामिल नहीं होता। इस कारण इसका फायदा किसी भी छात्र या छात्रा को नहीं मिला।

प्रदेश भर की बात करें तो अंग्रेजी मीडियम स्कूल का रिजल्ट हिन्दी मीडियम के अच्छे और बड़े स्कूल से बेहतर हुआ है। इन स्कूलों में सौ फीसदी रिजल्ट हुआ है। सेंट जेवियर्स हाई स्कूल, सेंट जोसफ कान्वेंट हाई स्कूल, होली फैमिली स्कूल कुर्जी, कृष राजा स्कूल बेतिया, सिमुलतला आवासीय विद्यालय जमुई आदि में सौ में सौ फीसदी छात्र मैट्रिक में उत्तीर्ण हुए है। सिमुलतला आवासीय विद्यालय, सेंट जेवियर्स हाई स्कूल में तो सारे के सारे बच्चों को प्रथम श्रेणी प्राप्त हुआ है।

हिन्दी मीडियम स्कूलों के छात्रों को अंग्रेजी में अच्छे अंक : अगर हम हिन्दी मीडियम स्कूल की बात करें तो कई छात्रों को अंग्रेजी में अच्छे अंक आए हैं। बोर्ड की मेरिट सूची में शामिल अधिकतर छात्र और छात्राओं को अंग्रेजी में 90 के ऊपर अंक प्राप्त हुए हैं। अगर टॉपर्स के अंग्रेजी के अंक मुख्य विषय में जुड़ते तो कुल अंक और बढ़ता। इसका असर भी मैट्रिक के रिजल्ट पर दूसरे तरह से दिखता।

मैट्रिक में अंग्रेजी अनिवार्य होनी चाहिए। इससे बच्चों को भविष्य में बहुत फायदा होगा। अंग्रेजी में अंक बेहतर आने का फायदा होगा। बच्चे अंग्रेजी में अधिक मेहनत करेंगे। अभी अंग्रेजी में अधिक अंक आने का उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता।-राजीव रंजन, प्राचार्य, सिमुलतला आवासीय विद्यालय।

बिहार बोर्ड में अंग्रेजी अनिवार्य होना चाहिए, क्योंकि कम्यूनिकेशन में अंग्रेजी बहुत जरूरी है। बच्चे अच्छे अंक लाने के बाद भी पिछड़ जाते हैं। अंग्रेजी अनिवार्य होने से बच्चों में आत्मविश्वास आएगा और अंग्रेजी का डर खत्म हो जाएगा। -फादर किस्टू, प्राचार्य, सेंट जेवियर्स हाई स्कूल

सेंट जोसफ कॉन्वेंट हाई स्कूल से सौ छात्राएं मैट्रिक परीक्षा में शामिल हुईं थी। स्कूल से सभी को प्रथम श्रेणी आई है। कई छात्राओं को अंग्रेजी में 100 में 96 अंक मिले हैं। अगर इनके अंग्रेजी के अंक पांच मुख्य विषय में जुड़ते तो छात्राएं टॉपर सूची में आ सकती थी।

सेंट जेवियर स्कूल से मैट्रिक परीक्षा में 48 परीक्षार्थी शामिल हुए। सभी विद्यार्थियों ने अंग्रेजी मीडियम में परीक्षा दी थी। इनमें कई छात्रों को अंग्रेजी के अंक दूसरे विषयों से अधिक बेहतर हैं। अगर अंग्रेजी के अंक पांच विषयों में शामिल होता तो विद्यार्थी को फायदा होता।

 

 

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