BHMS होम्योपैथी के छात्र करेंगे मॉडर्न फार्माकोलॉजी की भी पढ़ाई
होम्योपैथी के छात्र अब मॉडर्न फार्माकोलॉजी की भी पढ़ाई करेंगे। राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग ने होम्योपैथी स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम- बैचलर ऑफ होम्योपैथीक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) में मॉडर्न फार्माकोलॉ
होम्योपैथी के छात्र अब मॉडर्न फार्माकोलॉजी की भी पढ़ाई करेंगे। राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग ने होम्योपैथी स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम- बैचलर ऑफ होम्योपैथीक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) में मॉडर्न फार्माकोलॉजी को शामिल किया है। इसके तहत बीएचएमएस छात्रों को पहली बार एलोपैथी दवाओं के बारे में पढ़ाई कराई जाएगी। आयोग की ओर से छह दिसंबर को जारी अधिसूचना देशभर के होम्योपैथी संस्थानों पर लागू होगी।
बीएचएमएस के दूसरे और पांचवें प्रोफेशनल वर्ष में मॉडर्न फार्माकोलॉजी को पढ़ाया जाएगा। होम्योपैथी छात्रों के अनुसार मॉडर्न फार्माकोलॉजी की पढ़ाई करने से भविष्य में होम्योपैथी और एलोपैथी दोनों विधाओं से इलाज कर सकेंगे जबकि कुछ लोगों का मानना है कि मॉडर्न फार्माकोलॉजी पढ़ने के बाद बीएचएमएस छात्रों के लिए निजी अस्पतालों में रोजगार की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। हालांकि एक बड़ा सवाल है कि पूर्व में कोर्स कर चुके होम्योपैथीक प्रैक्टिशनर्स इसका फायदा उठा सकेंगे या नहीं। साढ़े पांच साल के पाठ्यक्रम के लिए पहला सत्र 18 महीने और उसके बाद अगले चार सत्र 12-12 महीने के होंगे। पहले पेशेवर सत्र में 2106 जबकि बाकी के चार सत्रों में न्यूनतम 1404 घंटों की पढ़ाई अनिवार्य है।
मनोविज्ञान और योग को भी दी जगह
सभी स्वास्थ्य विज्ञानों के समग्र और एकीकृत ज्ञान प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग ने बीएचएमएस पाठ्यक्रम में मनोविज्ञान और योग को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा अनुसंधान पद्धति और जैव सांख्यिकी जैसे विषयों को डिग्री पाठ्यक्रम में पेश किया गया है।
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