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BEd Vs DElEd : एक और राज्य में बीएड वालों को झटका, प्राइमरी शिक्षक भर्ती में अयोग्य करार

उत्तराखंड में चल रही प्राथमिक शिक्षा भर्ती में शामिल हो रहे बीएड डिग्रीधारियों को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अयोग्य ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर हाईकोर्ट ने ये निर्देश जारी किए हैं।

Pankaj Vijay संवाददाता, नैनीतालWed, 20 Dec 2023 07:24 AM
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उत्तराखंड में चल रही प्राथमिक शिक्षा भर्ती में शामिल हो रहे बीएड डिग्रीधारियों को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अयोग्य ठहराया है। एनसीटीई के जून 2018 के नोटिफिकेशन की वैधता को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद कर दिए जाने के आधार पर हाईकोर्ट ने ये निर्देश जारी किए हैं। मामले के अनुसार, विनिमय मल्ल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा जारी 28 जून 2018 की अधिसूचना को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा है कि सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चल रही चयन प्रक्रिया में भाग लेने से उन बीएड योग्यताधारकों को रोका जाए, जो उक्त अधिसूचना के अनुसार भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं।

इस मामले में सरकार की ओर से बताया गया कि देवेश शर्मा बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा जारी अधिसूचना 28 जून 2018 को रद कर दिया है। इस आधार पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायाधीश विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने याचिका को निस्तारित करते हुए उक्त अधिसूचना के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो रहे बीएड डिग्रीधारियों को राज्य की प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल होने के अयोग्य माना है।

बिहार में जा सकती है पहले से नियुक्त 22000 टीचरों की नौकरी
राज्य सरकार के अधीन प्राथमिक स्कूलों में बीएड की डिग्री पर नियुक्त करीब 22 हजार शिक्षकों की नौकरी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। पटना हाईकोर्ट ने पहली से पांचवीं कक्षा तक के शिक्षकों को कोई राहत नहीं दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षक नियुक्ति के छठे चरण में पहली से पांचवी के लिए बीएड डिग्रीधारी की नियुक्ति हुई थी। उसे अब नए सिरे से भरना होगा। राज्य सरकार को एनसीटीई की ओर से 2010 में जारी मूल अधिसूचना के अनुसार योग्य उम्मीदवारों में से ही नियुक्ति करनी होगी। कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 141 के तहत हाईकोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानना है। ऐसे में बीएड डिग्रीधारी प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के पद पर नियुक्त होने के पात्र नहीं है। हालांकि राज्य सरकार ने शिक्षकों की नौकरी बचाने के लिए एसएलपी दायर की है।

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