BEd Vs DElEd : छत्तीसगढ़ प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बीएड वाले बाहर, चयनितों की नियुक्तियां रद्द, छिनेगी नौकरी
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने चयनित बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती भर्ती से बाहर कर दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य सरकार बीएड वालों को हटाकर 6 महीने के भीतर बहाली प्रक्रिया पूरी करे।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने चयनित बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती भर्ती से बाहर कर दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य सरकार नियुक्त किए गए बीएड शिक्षकों को जॉब से हटाकर 6 महीने के भीतर बहाली प्रक्रिया पूरी करे, सिर्फ डीएलएड वालों को ही मेरिट के आधार पर प्राइमरी शिक्षक भर्ती में नियुक्ति दी जाए। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच का यह फैसला डीएलएड अभ्यर्थियों की उस याचिका पर आया है जिसमें उन्होंने प्राइमरी शिक्षक भर्ती में बीएड वालों के चयन को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2023 के फैसले को आधार बनाते हुए प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बीएड योग्यता को अवैधानिक घोषित कर इसे हटाने की मांग की।
याचिका में कहा था कि डीएलएड कोर्स में प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने की खास ट्रेनिंग दी जाती है। जबकि बीएड कोर्स में बड़ी कक्षाओं को पढ़ाने की ट्रेनिंग दी जाती है। छोटी कक्षाओं की टीचरों की भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करने से शिक्षा की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ेगा। याचिकाकर्ताओं की ओर से तर्क दिया गया कि भर्ती में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राज्य शासन ने उल्लंघन किया है
4 मई 2023 को छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षकों के करीब 6500 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। 10 जून को परीक्षा हुई थी। इसमें बीएड और डीएलएड वालों दोनों अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
मामले पर सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने बीएड अभ्यर्थी की काउंसिलिंग पर पर रोक लगा दी थी जिसे अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक लगाते हुए बीएड शिक्षकों को भी अंतरिम रूप से नियुक्ति देने का निर्देश दिया, लेकिन उनकी नियुक्ति को हाईकोर्ट में लंबित प्रकरण के अंतिम निर्णय के अधीन रखा था। दिनांक 29 फरवरी 2024 को प्रकरण में अंतिम सुनवाई हुई, जिसके बाद हाईकोर्ट ने प्रकरण निर्णय के लिए सुरक्षित कर लिया ।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को बनाया आधार
सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 के अपने फैसले के तहत कहा कि केवल बीटीसी ( डीएलएड ) डिप्लोमा धारक ही प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने के पात्र होंगे। लेवल-1 (पहली से 5वीं कक्षा तक) में बीएड अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाएंगे। पीठ ने एनसीटीई ( राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद ) के उस गजट नोटिफिकेशन को भी खारिज कर दिया जिसमें बीएड डिग्रीधारकों को लेवल-1 शिक्षक भर्ती के लिए योग्य करार दिया गया था। एनसीटीई की इस अधिसूचना में कहा गया था कि अगर बीएड डिग्रीधारी लेवल-1 में पास होते हैं, तो उन्हें नियुक्ति के बाद छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा।
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