नीट की मेरिट में छेड़छाड, होनहारों को पीछे धकेलकर कम अंक वालों को दिया डॉक्टर बनने का मौका
आयुष कॉलेजों में दाखिले के नाम पर मेधावी बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया। नीट मेरिट में छेड़छाड़ कर मेधावियों को पीछे धकेल दिया। कम अंक पाने वालों को डॉक्टर बनने का मौका दिया गया।
आयुष कॉलेजों में दाखिले के नाम पर मेधावी बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया। नीट मेरिट में छेड़छाड़ कर मेधावियों को पीछे धकेल दिया। कम अंक पाने वालों को डॉक्टर बनने का मौका दिया गया। बुधवार को नीट मेरिट में शामिल कई ऐसे छात्र आयुर्वेद निदेशालय पहुंचे। अधिकारियों को पीड़ा बताने की कोशिश की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
जवाहर भवन स्थित नौवें तल पर बुधवार को गहमागहमी रही। आयुर्वेद निदेशालय में जिम्मेदार अधिकारी किसी से बात नहीं कर रहे हैं। कई अभ्यर्थी गड़बड़ी की खबर सुनकर पहुंचे। उत्तराखंड से आए एक अभ्यर्थी ने कहाकि उसका नाम नीट मेरिट में था। पर काउंसलिंग में शामिल नहीं होने दिया। गोरखपुर के अभ्यर्थी ने भी खुद को मेरिट सूची में होने का दावा किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि दलालों ने 891 मेधावियों को सूची से बाहर किया।
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अधिकारी-कर्मचारियों के बच्चों को दाखिला
काउंसलिंग में हेराफेरी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने किसी भी तरह का मौका हाथ से जाने नहीं दिया। अपने व परिचितों के बच्चों को डॉक्टर बनाने का सपना साकार करने में कसर नहीं छोड़ी। कई अधिकारियों और कर्मचारी अपने व परचितों के बच्चों को भी दाखिला दिलाने में कामयाब हुए। एसटीएफ ने इन तमाम अहम बिन्दुओं की दिशा में तथ्य जुटाने शुरू कर दिए हैं।
यहां हुए बगैर नीट दाखिला
आठ कॉलेजों ने नौ संदिग्ध छात्रों के नामों पर मुहर लगाई है। सबसे ज्यादा बांदा के अतर्रा में तीन फर्जी छात्रों को दाखिला मिला। गोरखपुर, हड़िया, मुजफ्फरनगर, नेशनल होम्योपैथ कॉलेज, तिबिया कॉलेज में एक-एक बिना नीट छात्रों को दाखिला मिला है।
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