आयुष कॉलेजों में कराए 928 फर्जी दाखिले, आरोपी की जमानत अर्जी पर कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
BAMS, BAHMS Admission:आयुष कॉलेजों में एडमिशन घोटाला मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अभियुक्त आलोक कुमार त्रिवेदी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अ
BAMS, BAHMS Admission:आयुष कॉलेजों में एडमिशन घोटाला मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अभियुक्त आलोक कुमार त्रिवेदी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अभियुक्त पर दूसरे अभियुक्तों के साथ मिलकर आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेजों में 928 अयोग्य व्यक्तियों का धोखाधड़ी और कूटरचना कर के दाखिला कराने का आरोप है जिनमें से 21 ने तो नीट परीक्षा भी नहीं दी थी। न्यायालय ने कहा कि अभियुक्त के इस कृत्य से तमाम योग्य छात्रों के अधिकारों पर आघात पहुंचा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने आलोक कुमार त्रिवेदी की जमानत याचिका पर पारित किया। याचिका का विरोध करते हुए, राज्य सरकार के अधिवक्ता राव नरेंद्र सिंह की दलील थी कि मामले में नामजद अभियुक्त कुलदीप सिंह के साथ अभियुक्त के तमाम व्हाट्सएप चैट मिले जिनमें दाखिले के सम्बंध में वार्तालाप की गईं। उन्होंने न्यायालय को बताया कि एसटीएफ ने 13 फरवरी को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें पूर्व आयुर्वेद निदेशक सत नारायण सिंह, निलंबित प्रभारी अधिकारी शिक्षा आयुर्वेद निदेशालय डॉ.उमाकांत, वरिष्ठ सहायक आयुर्वेद निदेशालय राजेश सिंह, कनिष्ठ सहायक कैलाश चंद्र भाष्कर व अन्य आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार, आईटी एक्ट, धोखाधड़ी, कूटरचना, साजिश करने समेत अन्य आरोप लगाए हैं। अदालत को बताया गया कि इस मामले की रिपोर्ट 4 नवम्बर 2022 को हजरतगंज थाने में तत्कालीन निदेशक सत नारायण सिंह ने ही दर्ज कराई थी हालांकि विवेचना के दौरान उनकी भी अपराध में संलिप्तता पाई गई।
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