अनुपस्थित छात्रों को मौजूद दर्शाकर परीक्षा के अंक कर दिए अपलोड
बीए चतुर्थ सेमेस्टर में वाइवा (मौखिक परीक्षा) में आरोप है कि आंतरिक परीक्षक ने अनुस्थित छात्र-छात्राओं के फर्जी हस्ताक्षर कर विश्वविद्यालय की साइट पर अंक अपलोड कर दिए गए हैं। जानें- क्या है पूरा मामल
बीए चतुर्थ सेमेस्टर में वाइवा (मौखिक परीक्षा) में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। आरोप है कि आंतरिक परीक्षक ने अनुस्थित छात्र-छात्राओं के फर्जी हस्ताक्षर कर विश्वविद्यालय की साइट पर अंक अपलोड कर दिए। प्राचार्य के निरीक्षण में उपस्थित छात्रों की संख्या बेहद कम मिली। इसपर परीक्षक की मनमानी की पोल खुली। प्राचार्य ने शासन व विश्वविद्यालय के कुलपति व परीक्षा नियंत्रक को शिकायती पत्र दिया है। इसमें परीक्षा निरस्त कर दोषियों पर कार्रवाई करने और बाइवा के लिए आंतरिक एवं बाह्य परीक्षक पुनः नियुक्त करने की मांग की है।
मामला नगर के गन्ना कृषक स्नातकोत्तर महाविद्यालय का है। पांच जून को महाविद्यालय में बीए चतुर्थ सेमेस्टर हिन्दी साहित्य विषय की मौखिक परीक्षा (बाइवा) आंतरिक परीक्षक एवं महाविद्यालय की प्रवक्ता और बाह्य परीक्षक द्वारा कराई गई। इस दिन पंजीकृत 298 छात्रों को परीक्षा में शामिल होना था। प्राचार्य डा. सुधीर कुमार शर्मा ने कक्षों का निरीक्षण किया तो अधिकांश छात्र अनुपस्थित मिले। उन्होंने जो छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हुए उन्हें अनुपस्थित दर्शाने के निर्देश दिए। आरोप है कि आंतरिक परीक्षक ने अपनी हठधर्मिता के चलते उपस्थिति पत्रक पर फर्जी हस्ताक्षर कर 271 छात्रों को उपस्थित दर्शाकर विश्वविद्यालय की साइट पर नंबर अपलोड कर दिए।
इसपर प्राचार्य ने अपत्ति की और ऐसा करना विश्वविद्यालय एवं शासन के नियम के विरूद्ध बताया। उन्होंने आंतरित परीक्षक की इस मनमानी की शिकायत महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विवि के कुलपति एवं शासन से की। साथ ही एमजेपी के परीक्षा नियंत्रक को भी पत्र भेजा।
इसमें मौखिक परीक्षा का हवाला देते हुए अनुपस्थित छात्र-छात्राओं को फर्जी तरह से उपस्थित दर्शाकर अंक देने की जांच कराकर आंतरिक परीक्षक पर कार्रवाई करने, परीक्षा को निरस्त कर आंतरिक परीक्षक व बाह्य परीक्षक को नियुक्त कर दोबारा से परीक्षा कराने की मांग की गई है। फर्जीबाड़ा कर अनुपस्थित छात्रों को अंक दिए जाने के मामले को लेकर तरह तरह की बातें हो रही हैं।
महाविद्यालय में पांच जून को बीए चतुर्थ सेमेस्टर के छात्रों का बाइवा लिया गया। सीसीटीवी कैमरों में देखा तो कक्षा में काफी कम छात्र थे। इसपर कक्षों का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकांश छात्र अनुपस्थित पाए गए। आंतरिक परीक्षक को निर्देश दिए लेकिन उन्होंने हठधर्मिता के चलते अनुपस्थित छात्रों को भी फर्जी तरह से उपस्थित दर्शाकर अंक विवि की साइट पर अपलोड कर दिए। इस संबंध में साक्ष्य सहित विवि के कुलपति व परीक्षा नियंत्रक को अवगत करा दिया गया है।
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