Hindi Newsकरियर न्यूज़assistant professors promotion way cleared in DDU grade pay will increase from 6000 to 7000 Rs

125 असिस्टेंट प्रोफेसरों के प्रमोशन का रास्ता साफ, ग्रेड पे 6000 से बढ़कर होगा 7000 रुपये

पिछले करीब दो वर्षों से प्रमोशन का बेसब्री से इंतजार कर रहे दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के करीब सवा सौ असिस्टेंट प्रोफेसर्स के लिए अच्छी खबर है।उनके ग्रेड पे प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है

निज संवाददाता गोरखपुरFri, 24 May 2024 10:28 AM
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पिछले करीब दो वर्षों से प्रमोशन का बेसब्री से इंतजार कर रहे दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के करीब सवा सौ असिस्टेंट प्रोफेसर्स के लिए अच्छी खबर है। उनके ग्रेड पे प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है। डीडीयू प्रशासन की चुप्पी और बाद में फाइलों की धीमी गति के कारण प्रमोशन दो साल से पेंडिंग चल रहा था। सब ठीक रहा तो जून महीने में ही प्रमोशन हो जाएगा। डीडीयू में वर्ष 2018 में करीब सवा सौ असिस्टेंट प्रोफेसर्स की नियुक्ति हुई थी। तकनीकी कारणों से उन्हीं नियुक्तियों में से कुछ लिफाफे वर्ष 2019 में खुले थे। प्रावधान है कि चार वर्ष पूर्ण हो जाने पर ग्रेड पे 6 हजार से बढ़कर 7 हजार हो जाएगा। लेकिन करीब डेढ़ साल तक डीडीयू प्रशासन इस पर चुप्पी साधे रहा। नवंबर 2023 में कुलपति प्रो. पूनम टंडन के संज्ञान में यह मामला आया तब उन्होंने प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू कराई थी। इसके तहत शिक्षकों की मेडिकल चेक अप करा लिया गया है। एग्रीमेंट भी तैयार करा लिया गया है।

करीब 50 शिक्षकों का होगा कन्फर्मेशन वर्ष 2022 और 2023 में नियुक्ति पाए शिक्षकों का प्रोबेशन पीरियड तत्कालीन कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने दो साल कर दिया था। वर्तमान कुलपति ने मामला संज्ञान में आने पर इसे एक साल कर दिया। सत्र 2022 में नियुक्त शिक्षकों का प्रोबेशन पीरियड अब पूरा हो गया है। उनका कन्फर्मेशन भी जून में ही हो जाएगा। इसके लिए फाइलों की स्क्रीनिंग जल्द होने की उम्मीद है।

वर्ष 2018 और 2019 में नियुक्त शिक्षकों का प्रमोशन जून में हो जाएगा। उनके एरियर का भुगतान भी किया जाएगा। जिन शिक्षकों का प्रोबेशन पीरियड पूरा हो गया है, उनका कन्फर्मेशन भी किया जाएगा।- प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, डीडीयू

प्रमोशन लटकने से शिक्षकों में था आक्रोश
नवंबर 2023 की शुरुआत में ही प्रमोशन की फाइल दौड़नी शुरू हो गई थी। शिक्षकों का आरोप है कि हर टेबल पर फाइल आगे बढ़ाने में सुस्ती दिखाई गई। कॉलेजों में निर्धारित तिथि पर ही प्रमोशन मिल जाता है। इसे लेकर सहायक आचार्यों में अपने वरिष्ठों के प्रति आक्रोश है। शिक्षकों का कहना है कि एनपीएस में पिछले दो वर्षों में हुए निवेश में नुकसान की भरपाई अब संभव नहीं है।
 

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