Hindi Newsकरियर न्यूज़assistant professors : above 45 years of age will not be able to become assistant professors in government medical colleges

इन सरकारी कॉलेजों में 45 से अधिक आयु वाले नहीं बन सकेंगे असिस्टेंट प्रोफेसर

कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में सामान्य श्रेणी के 45 वर्ष आरक्षित कोटा के 48 और एससी-एसटी वर्ग के 50 वर्ष के ऊपर के डॉक्टर्स को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद लिए योग्य नहीं होने के कानून को वैध ठहराया है।

Pankaj Vijay विधि संवाददाता, पटनाWed, 1 May 2024 04:04 PM
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बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए उम्र सीमा बढ़ाने के लिए दायर अर्जी पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। डॉक्टरों की निर्धारित अधिकतम आयु सीमा 45, 48 और 50 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष तक करने के लिए दायर अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति हरीश कुमार की खंडपीठ ने डॉ. निशांत की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद इसे खारिज कर दिया।  गौरतलब है की राज्य में सीनियर रेजिडेंट/ ट्यूटर और चिकित्सा शिक्षा सेवा (नियुक्ति, स्थानांतरण एवम प्रोन्नति) नियमावली 2008 के तहत राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली में सामान्य श्रेणी के लिए 45 वर्ष आरक्षित कोटा के 48 वर्ष और एससी एसटी वर्ग के 50 वर्ष अधिकतम आयु सीमा निर्धारित की गई है। इस नियम को संवैधानिक चुनौती दी गई थी। 

आवेदक का कहना था कि पूरे देश में चिकित्सा सेवा एवं मेडिकल शिक्षा को नियंत्रित करने वाली शीर्ष केंद्रीय संस्था नेशनल मेडिकल कमीशन सरकारी मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली के लिए अधिकतम आयु 70 वर्ष निर्धारित की है। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने नेशनल मेडिकल कमीशन कानून के विरोधाभासी नियम लागू किया है। कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार के नियम और नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019 के धारा 57 एक दूसरे के विरोधाभासी हैं। उनका कहना था कि 70 वर्ष के आयु तक के डॉक्टर असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर बहाल हो सकते हैं। 

उनका यह भी कहना था कि अन्य राज्यों में यह नियम लागू हैं। कोर्ट ने सामान्य श्रेणी के 45 वर्ष आरक्षित कोटा के 48 और एससी-एसटी वर्ग के 50 वर्ष के ऊपर के डॉक्टर्स को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद लिए योग्य नहीं होने के कानून को वैध ठहराया है। कोर्ट ने सरकार के सीनियर रेजिडेंट/ट्यूटर एंड बिहार मेडिकल एजुकेशन सर्विस रिक्रूटमेंट, अप्वॉइंटमेंट एंड प्रमोशन रूल्स 2008 के चैप्टर चार के नियम 7(iii) डी को निरस्त करने के लिए दायर अर्जी को खारिज कर दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार के नियमावली को सही ठहराया।

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