Hindi Newsकरियर न्यूज़Assistant Professor Recruitment: As per UGC Regulation candidates are entitled to the benefit of educational experience - High Court

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती: यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार अभ्यर्थी शैक्षिक अनुभव का लाभ पाने के हकदार- हाईकोर्ट

इलाहाबाद विश्वविद्यालय की असिस्टैंट प्रोफेसर भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका कर्ता अभ्यर्थी को बड़ी राहत दी है। अदालत ने कहा है कि यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार शैक्षणिक अनुभव का लाभ ने देना ग

Alakha Ram Singh विधि संवाददाता, प्रयागराजSun, 21 Jan 2024 08:16 AM
share Share

Assistant Professor Recruitment :  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति में शामिल अभ्यर्थी शैक्षिक अनुभव का लाभ पाने के हकदार हैं। उन्हें यूजीसी रेगुलेशन की धारा 10 (एफ)(3) के आधार पर शैक्षिक अनुभव का लाभ न दिया जाना उचित नहीं है। इसी के साथ कोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कहा कि भविष्य में होने वाली नियुक्तियों में अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए शार्टलिस्ट करते समय यूजीसी रेगुलेशन की टेबल 3ए (7) के तहत शैक्षिक अनुभव का लाभ दें। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने गीतांजलि तिवारी सहित दर्जनों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है।

याचियों का कहना था कि उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से जारी विज्ञापन के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। सभी याची नियुक्ति की आवश्यक अहर्ताएं पूरी करते हैं। इसके बावजूद साक्षात्कार के लिए बुलाए जाने वाले अभ्यर्थियों को शॉर्ट लिस्ट करते समय उनका नाम शामिल नहीं किया गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अभ्यर्थियों को उनके शैक्षिक अनुभव के लिए अंक नहीं दिए गए। जबकि रेगुलेशन की टेबल 3ए के क्लाज 7 में शैक्षिक अनुभव के लिए प्रतिवर्ष दो अंक मिलना चाहिए। यदि ये अंक उन्हें मिले होते तो वे शॉर्ट लिस्ट हो सकते थे।

विश्वविद्यालय ने यूजीसी रेगुलेशन की धारा 10(एफ)(3) का हवाला देकर याचियों को शैक्षिक अनुभव का अंक नहीं दिया क्योंकि इस धारा के अनुसार शैक्षिक अनुभव के अंक तभी दिए जा सकते हैं, जब शिक्षण कार्य करते समय अभ्यर्थी को वही वेतनमान या मानदेय मिल रहा था जो नियमित रूप से नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर को मिलता है। याचियों का कहना था कि वह धारा उन पर लागू नहीं होती है। साथ ही यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि यूजीसी रेगुलेशन की धारा 10(एफ)(3) एसोसिएट प्रोफेसर या प्रोफेसर या करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत प्रोन्नति पर लागू होगी। असिस्टेंट प्रोफेसर का पद एंट्री लेवल का पद है, जिसमें शैक्षिक अनुभव अनिवार्य नहीं है। इसलिए टेबल 3 ए के क्लाज 7 को रेगुलेशन की धारा 10 एफ 3 के परिप्रेक्ष्य में देखना उचित नहीं है। ऐसा करने से सर्वश्रेष्ठ अभ्यर्थियों को चुनने का उद्देश्य पूरा नहीं होता है इसलिए धारा 10 एफ 3 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में लागू नहीं नहीं होगी। कोर्ट ने कहा कि चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और चयनित अभ्यर्थियों को इस याचिका में पक्षकार नहीं बनाया गया है। न ही उनके चयन को चुनौती दी गई है इसलिए विश्वविद्यालय भविष्य में अभ्यर्थियों को शॉर्ट लिस्ट करते समय टेबल 3 ए की धारा 7 के तहत शैक्षिक अनुभव का लाभ दे। 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें