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मनमानी! फीस नहीं देने पर ईडब्ल्यूएस छात्रों को घर भेजा, हंगामा

दिल्ली के द्वारका सेक्टर-12 स्थित एक नामी स्कूल ने मंगलवार को फीस जमा न करने पर ईडब्ल्यूएस श्रेणी के छात्रों को घर भेज दिया। जानकारी मिलने पर अभिभाक स्कूल के बाहर जमा हो गए। स्कूल के गेट पर प्रदर्शन क

Alakha Ram Singh कार्यालय संवाददाता, नई दिल्लीWed, 3 April 2024 10:09 AM
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Delhi School Fees : दिल्ली के निजी स्कूलों में आर्थिक पिछड़ा वर्ग (ईडब्लयूएस)/वंचित वर्ग श्रेणी के बच्चों को परेशान करने का सिलसिला जारी है। द्वारका सेक्टर-12 स्थित एक नामी स्कूल ने फीस जमा न करने पर ईडब्ल्यूएस श्रेणी के छात्रों को वापस घर भेज दिया। इससे नाराज अभिभावकों ने मंगलवार को विरोध-प्रदर्शन किया। इनको संभालने के लिए पुलिस तक बुलानी पड़ गई।

दोबारा प्रवेश के नाम पर 90 हजार मांगे अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूल बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए उन्हें फीस भुगतान के लिए बाध्य कर रहा है। ऐसा न करने पर स्थानांतरण प्रमाणपत्र लेने का दबाव बनाया जा रहा है। प्रदर्शनकारी अभिभावक अखिलेश ने बताया कि उनका बेटा नौवीं में पढ़ता है। सातवीं में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत दाखिला हुआ था। स्कूल अब दोबारा दाखिले के नाम पर 90 हजार रुपये फीस मांग रहा है। इसके लिए तिमाही में भुगतान का भी विकल्प दिया गया है, जबकि नियमों के मुताबिक 12वीं तक निशुल्क पढ़ाने का प्रावधान है।

बच्चों ने भी धरना दिया इस स्कूल को लेकर शिक्षा निदेशालय के क्षेत्रीय, जिला सहित निजी स्कूल शाखा के मुख्यालय में शिकायत दी गई है। इसके बावजूद स्कूल मनमानी पर अड़ा है। मंगलवार को ईडब्ल्यूएस छात्रों को वापस घर भेज दिया। उन्हें कक्षा में घुसने नहीं दिया गया। छात्रों ने भी स्कूल के बाहर धरना देकर पढ़ाई के अधिकार को लेकर विरोध दर्ज कराया। यहां ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 50 से अधिक बच्चे हैं।

फोन कर स्कूल आने से मना किया उत्तर-पूर्वी दिल्ली स्थित नूर ए इलाही निवासी सागर इश्राक भी भांजी के दाखिले को लेकर परेशान हैं। उन्होंने बताया कि भांजी गोंडा के एक निजी स्कूल में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत पढ़ती है। अब छठी कक्षा में आई है। शिक्षक ने फोन कर ईडब्ल्यूएस के तहत बच्ची की पढ़ाई जारी रखने से मना कर दिया। स्थानांतरण प्रमाणपत्र भी लेने का दबाव बनाया जा रहा है।

नियमानुसार दबाव नहीं बना सकते संस्थान बता दें कि हाल ही में शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी किया था, जिसके अनुसार सरकारी निकायों की जमीन पर संचालित होने वाले निजी स्कूल नए सत्र 2024-25 के लिए आर्थिक पिछड़ा वर्ग (ईडब्ल्यूएस) / वंचित वर्ग (डीजी) / विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (सीडब्ल्यूएसएन) पर फीस भुगतान करने और स्थानांतरण प्रमाणपत्र लेने के लिए दबाव नहीं बना सकते हैं। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय की निजी स्कूल शाखा ने आदेश जारी किया है।

हर साल यही समस्या, सुनवाई नहीं एकरामूल
दाखिले के दौरान ईडब्ल्यूएस वर्ग के अभिभावकों का मार्गदर्शन करने वाले मिशन तालीम के संस्थापक अध्यक्ष एकरामूल हर ने कहा कि स्कूलों में हर साल की यही समस्या होती है। इसके बावजूद ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है। इस कारण अभिभावकों को खामियाजा भुगतना पड़ता है। हैरानी वाली बात यह है कि नर्सरी, केजी और पहली कक्षा में ईडब्ल्यूएस दाखिले की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई।

शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन अग्रवाल
ऑल इंडिया पैरेंट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा कि प्रत्येक बच्चे को स्कूल में पढ़ने का अधिकार है। सरकारी जमीन पर बने स्कूलों को 12वीं तक ईडब्ल्यूएस श्रेणी के बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का प्रावधान है। अगर, कोई स्कूल पढ़ाई रोकता है तो वह शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है। साथ ही, कोर्ट की भी अवमानना है। 

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