Medical Admission Counselling: कुव्यवस्था से नाराज पारा मेडिकल अभ्यर्थियों ने किया हंगामा, जाम
पारा मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग कराने आये दर्जनों अभ्यर्थियों ने रविवार को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (नौलखा कोठी) के सामने मुख्य सड़क पर जमकर हंगामा किया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने...
पारा मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग कराने आये दर्जनों अभ्यर्थियों ने रविवार को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (नौलखा कोठी) के सामने मुख्य सड़क पर जमकर हंगामा किया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने कॉलेज के डाटा ऑपरेटर पर एक घंटे की देरी से आने का आरोप लगाया और कहा कि यहां पर काउंसिलिंग के नाम पर मनमानी हो रही है। सुबह से शाम हो जाता है, लेकिन काउंसिलिंग होगा कि नहीं, इसका भी आश्वासन नहीं मिलता है। इसी व्यवस्था के खिलाफ अभ्यर्थियों ने मेडिकल कॉलेज के मुख्य गेट के सामने सड़क (तिलकामांझी-मनाली चौक मार्ग) को जाम कर दिया। मौके पर पहुंचे कॉलेज के पदाधिकारी व स्थानीय पुलिसकर्मियों के समझाने के बाद अभ्यर्थी माने और सड़क से हट गये।
कुव्यवस्था को लेकर आक्रोशित पारा मेडिकल के अभ्यर्थियों ने पहले तो नौलखा कोठी परिसर में ही जमकर विरोध प्रदर्शन किया। 20 मिनट तक परिसर में विरोध प्रदर्शन करने के बाद सुबह करीब 11:20 बजे मुख्य द्वार पर पहुंचे और मनाली चौक-तिलकामांझी मार्ग को जाम कर दिया। रविवार का दिन होने के कारण वाहनों की आवाजाही कम रही, जिससे लंबा जाम की समस्या का सामना लोगों को नहीं करना पड़ा। करीब 40 मिनट तक हुए सड़क जाम के कारण दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गयी। टेंपो-टोटो में बैठे यात्री पैदल ही अपने गंतव्य की ओर निकलने लगे। दोपहर 12 बजे जब कॉलेज प्रशासन ने काउंसिलिंग की सूची सेंटर की दीवार पर चिपकायी और इसकी जानकारी सड़क जाम कर रहे अभ्यर्थियों को दी गयी, तब जाकर सड़क से छात्र हटे।
छात्रों का आरोप: निजी कॉलेज पर रहम और सरकारी कॉलेजों पर सितम
प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का आरोप था कि निजी पारा मेडिकल कॉलेज के अभ्यर्थियों की पहले काउंसिलिंग की जा रही है, जबकि सरकारी पारा मेडिकल कॉलेज के अभ्यर्थियों की बाद में काउंसिलिंग की जा रही है। सरकारी कॉलेज के अभ्यर्थियों के लिए महज एक ही कंप्यूटर दिया गया है, जिसका डाटा ऑपरेटर रविवार की सुबह 10 के बजाय 11 बजे आया। खगड़िया से आये एक अभ्यर्थी ने बताया कि वह 11 फरवरी को काउंसिलिंग कराने के लिए मेडिकल कॉलेज आया है। तीन दिन पहले ही उसने अपना सभी प्रमाण पत्र जमा कर दिया, लेकिन काउंसिलिंग की बारी अब तक नहीं आयी। जमुई निवासी एक अभ्यर्थी ने कहा कि दो दिन पहले वह अपना सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र काउंसिलिंग सेंटर पर जमा कर दिया है, जिसकी रसीद तक नहीं मिली है। ऐसे में अगर प्रमाणपत्र गायब हो जाता है तो कौन जिम्मेदार होगा। वहीं एक महिला अभ्यर्थी ने कहा कि तीन दिन से काउंसिलिंग कराने के लिए वह लखीसराय से भागलपुर आयी है। जो भी पास में रुपये थे, वह खत्म हो गया है। जबकि दिनभर काउंसिलिंग सेंटर पर रहना पड़ता है, लेकिन शौचालय-बाथरूम तक की व्यवस्था अभ्यर्थियों के लिए नहीं की गयी है।
मेडिकल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. एचपी दुबे ने कहा, 'जाम में फंसने के कारण मिरजानहाट निवासी डाटा ऑपरेटर एक घंटे की देरी से पहुंचा, जिससे यह अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ा। अभ्यर्थियों को समझा-बुझाकर मामला शांत करा दिया गया। जीएनएम स्कूल भागलपुर की काउंसिलिंग 15 फरवरी को होगी।'
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