Anganwadi Chayan Prakriya : सहायिका के लिए मैट्रिक और आंगनवाड़ी सहायिका के लिए इंटरमीडिएट होगी न्यूनतम योग्यता
आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के चयन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। साथ ही, इसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में भी परिवर्तन किया गया है। आंगनबाड़ी सेविका के लिए न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट और आं
आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के चयन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। साथ ही, इसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में भी परिवर्तन किया गया है। आंगनबाड़ी सेविका के लिए न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट और आंगनबाड़ी सहायिका के लिए मैट्रिक होगा। पहले यह क्रमश: मैट्रिक और आठवीं पास था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसकी स्वीकृति दी गई। बैठक में कुल 31 प्रस्तावों पर मंजूगी मिली।
बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि नियुक्ति के लिए जिला स्तर पर ऑनलाइन आवेदन अभ्यर्थियों से लिये जाएंगे। इसके पहले विज्ञापन जारी होगा। आवेदनों की जांच संबंधित जिले के उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी और मेधा सूची बनाएगी। सर्वोच्च डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को पहले मौका दिया जाएगा। अगर दो अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता समान होगी तो मेधाअंकों के आधार पर चयन होगा। मेधा सूची पर किसी को आपत्ति होगी, तो उसके लिए शिकायत दर्ज कराने के लिए समय दिया जाएगा। आपत्तियां दूर करने के बाद फाइनल सूची बनेगी। फाइनल सूची के आधार पर आमसभा की बैठक में चयनित को नियुक्त किया जाएगा। इसके लिए सेविका-सहायिका चयन मार्गदर्शिका-2022 की स्वीकृति दी गई है। आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका संबंधित वार्ड का निवासी होना अनिवार्य होगा। इसके लिए सक्षम प्राधिकारी से आवासीय प्रमाणपत्र की भी अनिवार्यता होगी। जो संबंधित वार्ड में रहता है, उन्हीं को नियुक्त किया जाएगा। मेधा सूची पर डीएम और फिर प्रमंडलीय आयुक्त के पास अपील का भी प्रावधान होगा। आवेदन के लिए न्यूनतम उम्र 18 व अधिकतम 35 वर्ष होगी। गौरतलब हो कि जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के चयन को लेकर काफी शिकायतें आती हैं। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने चयन प्रक्रिया को दुरुस्त करने का निर्देश दिया था।
शहरों में भी शराब-ताड़ी के धंधे से जुड़े लोगों को एक लाख की सहायता
राज्य के शहरों में भी सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके तहत पूर्व में शराब और ताड़ी के धंधे से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े गरीब लोगों को व्यावसाय शुरू करने के लिए एक लाख तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। कैबिनेट ने इसका फैसला किया है। पूर्व में यह सुविधा सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों के लिए थी। अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है। इसके लिए पूर्व में ही 610 करोड़ की स्वीकृति दी गई है।
पॉक्सो एक्ट के तहत 54 विशेष न्यायालय गठित होंगे
राज्य के न्यायालयों में दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत दायर वादों के त्वरित निष्पादन के लिए 54 विशेष न्यायालय गठित किये जाएंगे। इन न्यायालयों के लिए विभिन्न कोटि के 432 पदों का सृजन किया जाएगा। कैबिनेट की बैठक में इस पर मंजूरी दी गई है। साथ ही राज्य के न्यायालयों में बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 के मामलों के शीघ्र निष्पादन के लिए आठ अतिरिक्त विशेष न्यायालय स्थापित किये जाएंगे। इन आठ न्यायालयों के लिए भी विभिन्न कोटि के 72 पदों के सृजन की स्वीकृति कैबिनेट ने दी है।
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