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Ambedkar Jayanti Quotes , Messages : अंबेडकर जयंती पर शेयर करें उनके ये 10 प्रेरणादायी विचार

Ambedkar Jayanti Quotes , messages : बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर कहते थे कि धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए। मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 14 April 2024 05:47 AM
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Ambedkar Jayanti Quotes , messages : 14 अप्रैल का दिन देश भर में बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती , भीम जयंती, अंबेडकर स्मृति दिवस, समानता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 14 अप्रैल को बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती होती है। डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता , शिल्पकार और जनक कहा जाता है। बाबासाहेब का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के महू में एक दलित परिवार में हुआ था। वो जिस जाति से ताल्लुक रखते थे, उसे उन दिनों समाज में अछूत माना जाता था। ऐसे में उन्होंने भेदभावपूर्ण और उपेक्षा भरे व्यवहार का सामना किया। इसके बाद उन्होंने पूरा जीवन दलितों, शोषितों और पिछड़ों को उनका अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने हमेशा मजदूर वर्ग व महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। दलितों के मसीहा अंबेडकर महान चिंतक, समाज सुधारक, न्यायविद व अर्थशास्त्री भी थे। कानून के महान विद्वान होने के चलते उन्हें देश का पहला कानून मंत्री बनाया गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की परिकल्पना भी उन्हीं की सोच का नतीजा था। 

अंबेडकर जयंती का दिन बाबासाहेब के महान और प्रेरक विचारों का प्रचार प्रसार करने का दिन है। उनकी प्रगतिशील सोच देश को करोड़ो युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। नीचे देखें डॉ भीमराव अंबेडकर के अनमोल विचार जिन्हें लोगों के बीच या सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं।

यहां पढ़ें बाबासाहेब के प्रेरणादायी विचार
1. मैं किसी समाज की प्रगति का आकलन यह देखकर करता हूं कि वहां की महिलाओं की स्थिति कैसी है।

2. जीवन लम्बा होने के बजाय महान होना चाहिए।

3. यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता  का अंत होना चाहिए।  

4. हिन्दू धर्म में विवेक, कारण और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।

5. इतिहास बताता है कि जहां नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच संघर्ष होता है, वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है। निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है, जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल न लगाया गया हो। 

6. बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास भूल जाते हैं।

7. समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।

8. यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।

9. जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता हासिल नहीं कर लेते, तब तक आपको कानून चाहे जो भी स्वतंत्रता देता है, वह आपके किसी काम की नहीं होती।

10. धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए। मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।

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