देशभर के विश्वविद्यालय से एआईएसएचई ने मांगी नामांकन रिपोर्ट
ऑल इंडिया सर्वे ऑन हॉयर एजुकेशन (एआईएसएचई) ने बिहार के सभी विवि समेत देशभर के विश्वविद्यालयों से सत्र 2020-21 में नामांकन की रिपोर्ट मांगी है। सभी विश्वविद्यालयों को 15 फरवरी तक समय दिया गया। पटना...
ऑल इंडिया सर्वे ऑन हॉयर एजुकेशन (एआईएसएचई) ने बिहार के सभी विवि समेत देशभर के विश्वविद्यालयों से सत्र 2020-21 में नामांकन की रिपोर्ट मांगी है। सभी विश्वविद्यालयों को 15 फरवरी तक समय दिया गया। पटना विश्वविद्यालय और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय ने रिपोर्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं बिहार के कई विश्वविद्यालयों में नए सत्र में पीजी में नामांकन तक नहीं हुआ है। इसकी प्रक्रिया में विलंब है। इसके अलावा बिहार के विश्वविद्यालयों में कोरोना की वजह से पूर्व की तुलना में नामांकन भी कम हुए हैं। ऐसी स्थिति में बिहार का ग्रॉस एनरोलमेंट रेसियो (जीआईआर) में कितनी बढ़ोतरी होगी, यह देखना होगा।
पिछले वर्ष 2019-20 के जारी रिपोर्ट में बिहार का ग्रॉस एनरोलमेंट रेसियो मात्र 14.5 था। इसमें बिहार राष्ट्रीय औसत से 12.6 पीछे था। वहीं पड़ोसी राज्य झारखंड से 6.4 पीछे था। देश का राष्ट्रीय औसत 27.1 था। इसमें छात्रों का 26.9 प्रतिशत और छात्राओं का 27.3 प्रतिशत रहा था। इसमें राज्य के छात्रों का अनुपात 15.8 जबकि छात्राओं का 13.1 रहा था।
सत्र 2019-20 में राज्य के कॉलेजों और उच्च शिक्षण संस्थानों में कुल नामांकन 173843 था। देश में ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियों (सकल नामांकन अनुपात) में बिहार 37 में 33वें स्थान पर था। वहीं बिहार में सत्र 2018-19 में 13.6 प्रतिशत जीआईआर की तुलना में 2019-20 में 0.9 बढ़ा था। वहीं वर्ष 20176-17 की तुलना में मात्र 0.1 ही बढ़ोतरी हुई थी। पूर्व के वर्ष में जारी रिपोर्ट के अनुसार बिहार में कॉलेजों की संख्या 874 रही थी। इसमें प्रति कॉलेज नामांकन का औसत 1703 रहा था। राज्य के अनुसूचित जाति वर्ग में छात्र 14.2 और छात्रा 8.5 यानी औसत 11.4 था। वहीं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र 24.2 और छात्रा 18.7 यानी औसत 21.4 प्रतिशत था।
ज्यादा नहीं हुई बढ़ोतरी
पिछले साल की रिपोर्ट के अनुसार उच्च शिक्षा में छात्राओं के नामांकन में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। इसी अवधि के दौरान, उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों में छात्राओं का नामांकन 18.2 प्रतिशत रहा। पिछले पांच वर्षों के दौरान हॉयर एजुकेशन के क्षेत्र में 11.4 की वृद्धि देखी गई थी। यह बढ़ोतरी छात्र नामांकन के मामले के आधार पर दर्ज की गई थी। इसके अलावा देश में उच्च शिक्षा में जीईआर अनुपात बढ़कर 27.1 हो गया है। हालांकि 2018 में 26.3 की तुलना में बहुत मामूली बढ़त दर्ज की गई है।
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