Hindi Newsकरियर न्यूज़AIIMS MBBS Fees : AIIMS to adopt IIT btech and IIM MBA fee structures know why

AIIMS में MBBS की फीस IIT और IIM की तरह महंगी करने की तैयारी, अभी है सिर्फ 6500 रुपये

AIIMS MBBS Fees : एम्स संस्थानों में एमबीबीएस, नर्सिंग व अन्य कोर्सेज की फीस की रिवाइज किया जा सकता है। एम्स में एमबीबीएस पाठ्यक्रम का शुल्क करीब 6500 रुपये है। IIM में एमबीए फीस 24-25 लाख रुपये हैं।

Pankaj Vijay पीटीआई, नई दिल्लीWed, 12 Oct 2022 05:12 PM
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AIIMS MBBS Fees : देश भर के एम्स संस्थानों में एमबीबीएस, नर्सिंग व अन्य कोर्सेज की फीस की रिवाइज किया जा सकता है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स) की राजस्व सृजन क्षमता को बढ़ाने के लिए इसका मॉडल आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों की तर्ज पर बनाया जा सकता है। इस साल अगस्त में हुए एम्स के चिंतन शिविर में इस बाबत सिफारिश की गई है। सूत्रों के मुताबिक, चिंतन शिविर में सभी एम्स में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने पर विचार विमर्श किया गया। साथ में राजस्व सृजन के लिए ऐसे मॉडल की पहचान करने पर भी चर्चा की गई जिसे लागू किया जा सके ताकि सरकार से मिलने वाले कोष पर निर्भरता कम हो सके।
     
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक समिति को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है जो इन सिफारिशों की व्यवहार्यता का अध्ययन करेगी और गौर करेगी कि कितनी वृद्धि की जा सकती है।     सूत्र ने बताया, एक सिफारिश में एमबीबीएस, स्नातकोत्तर और नर्सिंग शिक्षा जैसे पाठ्यक्रमों के शुल्क ढांचे में संशोधन और आईआईटी एवं आईआईएम की तरह शुल्क ढांचे को स्वीकार करने का सुझाव दिया गया है ताकि प्रमुख संस्थान की राजस्व सृजन क्षमता में वृद्धि की जा सके।” फिलहाल एम्स में एमबीबीएस पाठ्यक्रम का शुल्क करीब 6500 रुपये है।

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भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) में एमबीए या पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री के कोर्स की फीस 24-25 लाख रुपये है जबकि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से बीटेक करने के लिए 10-12 लाख रुपये खर्च करने होते हैं।

इसके अलावा अन्य सिफारिशों में सभी एम्स में सामान्य वार्ड के एक तिहाई बिस्तरों को विशेष वार्डों में परिवर्तित करने और निजी वार्डों की संख्या बढ़ाने पर प्रकाश डाला गया है। इसके अलावा राजस्व सृजन में सुधार के लिए भुगतान न करने और भुगतान करने वाले रोगियों के लिए एम्स के शुल्क में संशोधन के लिए एक समिति गठित करने की सिफारिश की गई है।

उन्होंने कहा कि एक अन्य सिफारिश में एबी-पीएमजेएवाई, राज्य सरकार की योजना, सीजीएचएस, ईसीएचएस, रेलवे और किसी अन्य सरकारी योजना के लाभार्थियों की पहचान के लिए एक तंत्र बनाने पर भी प्रकाश डाला गया है ताकि राजस्व में योगदान दिया जा सके। सिफारिश में यह भी कहा गया है कि 'क्रॉस सब्सिडी मॉडल' को भी शुरू किया जा सकता है जिसके तहत गरीबों का निशुल्क इलाज किया जाए और जो लोग पैसा देना चाहें उनका इलाज उनकी पात्रता के हिसाब से किया जाए।
     
एक सूत्र ने बताया कि यह सुझाव दिया गया है कि अनुसंधान के लिए आईआईटी, आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ सहयोग किया जा  सकता है। वर्ष 2022-23 के लिए घोषित वार्षिक बजट में, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली के लिए 4,190 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। देश में फिलहाल 23 एम्स हैं जिनमें पूर्ण रूप से संचालित, आंशिक रूप से संचालित और निर्माणाधीन संस्थान शामिल हैं।

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