Hindi Newsकरियर न्यूज़Action: Honorarium will be recovered from fake para teachers investigation of certificates continues

कार्रवाई : फर्जी पारा शिक्षकों से होगी मानदेय की वसूली, प्रमाणपत्रों की जांच जारी

झारखंड के पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापकों) के प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है। इसमें कई पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गये हैं। राज्य सरकार ने ऐसे पारा शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए कानूनी

Alakha Ram Singh हिन्दुस्तान ब्यूरो, रांचीSat, 21 Jan 2023 10:00 PM
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झारखंड के पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापकों) के प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है। इसमें कई पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गये हैं। राज्य सरकार ने ऐसे पारा शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ उनसे मानदेय वसूली का निर्णय लिया है। इसके लिए स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने सभी जिलों को कार्रवाई करते हुए 31 जनवरी तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

राज्य में 61 हजार पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच की प्रक्रिया चल रही है। इसकी तारीख में कई बार बढ़ोतरी की गई। अभी भी करीब आठ हजार पारा शिक्षकों से सर्टिफिकेट की जांच नहीं हो पाई है। करीब 500 पारा शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने सर्टिफिकेट जांच के लिए आवेदन नहीं किया, जिन्होंने अपना त्यागपत्र दे दिया, लंबे समय से स्कूल नहीं आ रहे हैं और जिन्होंने सर्टिफिकेट दिया, लेकिन जांच में वह फर्जी निकला। इन सभी पर शिक्षा विभाग ने अलग-अलग कार्रवाई करने का निर्देश जिलों को दे दिया है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी ने जिलों को कहा है कि वैसे पारा शिक्षक (सहायक अध्यापक) जिनका प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है, उन्हें झारखंड सहायक अध्यापक सेवाशर्त नियमावली 2021 के अनुसार मानदेय की वसूली की जाए। साथ ही, उन पर प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

त्यागपत्र देने की होगी जांच:
- राज्य के करीब 133 पारा शिक्षकों ने सर्टिफिकेट जांच के दौरान नौकरी छोड़ दी है। उन्होंने अपना त्यागपत्र दे दिया। शिक्षा विभाग ऐसे पारा शिक्षकों के त्यागपत्र देने के कारण की जांच करने का निर्देश दिया है। जांच में अगर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी करने का मामला सामने आया तो उनके मानदेय के भी वसूली की जा सकती है। विभाग ने उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने को भी कहा है। वहीं, वैसे 107 पारा शिक्षक जो लंबे समय से स्कूल में उपस्थित नहीं हैं उनके खिलाफ भी आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है।

जांच के लिए नहीं दिया सर्टिफिकेट:
- करीब दो सौ पारा शिक्षकों ने जांच के लिए अपने सर्टिफिकेट जमा नहीं किये। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी डीईओ-डीएसई को ऐसे पारा शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का निर्देश दिया है। जिलों से कहा गया है कि वैसे सभी सहायक अध्यापक जिन्होंने प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए जमा नहीं किया है, उन्हें सेवामुक्त करने की कार्रवाई की जाए। साथ ही, जनवी 2023 से मानदेय का भुगतान न हो इसे सुनिश्चित की जाए।

31 जनवरी तक मांगी गई रिपोर्ट:
- पारा शिक्षकों पर कार्रवाई संबंधि रिपोर्ट जिलों से 31 जनवरी तक मांगी गई है। 31 जनवरी तक बचे पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच भी सुनिश्चित की जाएगी। जिलों से कहा गया है कि जिनका शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन विभिन्न बोर्ड व विश्वविद्यालयों में सत्यापन के लिए लंबित है। जिले 31 जनवरी तक उसकी जांच पूरी कराना सुनिश्चित करेंगे, ताकि सत्यापन के बाद पारा शिक्षक आकलन परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन भर सकें। जैक ने 10 फरवरी तक आवेदन भरने की की अंतिम तिथि तय की है।

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