69000 शिक्षक भर्ती: अभ्यर्थियों से ठगी का ब्योरा जुटा रही एसटीएफ
उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने अभ्यर्थियों से ठगी का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है। उसने इसमें अपनी सभी इकाइयों को...
उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने अभ्यर्थियों से ठगी का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है। उसने इसमें अपनी सभी इकाइयों को लगाया है। ठगी के आरोप में गिरफ्तार अभियुक्तों का पूरा नेटवर्क एसटीएफ के निशाने पर है। कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की गई है।
जांच की दिशा फिलहाल प्रतापगढ़ के अभ्यर्थी राहुल सिंह की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर के ईद-गिर्द है। इसमें डॉ. केएल पटेल समेत आठ नामजद हैं, जिसमें से डॉ. पटेल समेत सात अभियुक्त गिरफ्तार हो चुके हैं। एक अभियुक्त की तलाश अभी जारी है। एसटीएफ ने परीक्षा के दिन पकड़े गए सॉल्वर गैंग के लोगों को भी फिर से अपनी जांच के दायरे में लिया है। जनवरी 2019 में हुई इस भर्ती परीक्षा में राजधानी लखनऊ में भी फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था। एसटीएफ ने परीक्षा में अभ्यर्थियों की जगह सॉल्वर बैठाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए लखनऊ से नेशनल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य उमा शंकर सिंह समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया था। ऐसे ही मामले में चार लोगों को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था।
एसटीएफ ने लखनऊ के नेशनल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य उमा शंकर सिंह के साथ गिरोह के सरगना अरुण कुमार सिंह के अलावा पांच कक्ष निरीक्षकों व दो अभ्यर्थियों को भी गिरफ्तार किया था। मुख्य अभियुक्त अरुण कुमार सिंह ने उस समय पूछताछ में बताया था कि वह लखनऊ में ही पुलिस में कांस्टेबल पद पर तैनात है, जबकि उसका भाई अजय कुमार सिंह भूगर्भ जल विभाग में मेरठ में तैनात है। उसका भाई अजय काफी समय से इस गिरोह का संचालन कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि यह सॉल्वर गैंग अब नए सिरे से एसटीएफ के निशाने पर है।
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