69000 शिक्षक भर्ती 2020: फॉर्म भरने में की चूक, कई अभ्यर्थियों के हाथ से नौकरी फिसलने का खतरा
69000 सहायक अध्यापक भर्ती में छोटी-मोटी चूक के कारण कई अभ्यर्थियों के हाथ से नौकरी फिसलने का खतरा पैदा हो गया है। कई अभ्यर्थी अपने फॉर्म में दिव्यांग या शिक्षामित्र की कैटेगरी ही नहीं लिख सके तो कोई...
69000 सहायक अध्यापक भर्ती में छोटी-मोटी चूक के कारण कई अभ्यर्थियों के हाथ से नौकरी फिसलने का खतरा पैदा हो गया है। कई अभ्यर्थी अपने फॉर्म में दिव्यांग या शिक्षामित्र की कैटेगरी ही नहीं लिख सके तो कोई किसी ने प्राप्तांक और पूर्णांक गलत भर दिया। एक अभ्यर्थी रजत शर्मा ने अपने फॉर्म में निवास प्रमाणपत्र के स्थान पर जाति प्रमाणपत्र जगा दिया जबकि एक अन्य अंजू शर्मा ने अपने निवास स्थान के कॉलम में उत्तर प्रदेश की जगह बाह्य प्रदेश भर दिया।
प्रयागराज के रोहित तिवारी ने प्राप्तांक में कम नंबर लिख दिया है। इसके कारण मेरिट में उनका नीचे हो रहा है लेकिन इसके बावजूद उन्हें संशोधन की अनुमति नहीं मिल रही। मोबाइल नंबर में संशोधन की अनुमति मिलने के बाद इन अभ्यर्थियों ने भी त्रुटि संशोधन की गुहार लगाई है। बुधवार को बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन देने का प्रयास किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं है। इन्हें अब तक कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिले हैं।
1.37 लाख अभ्यर्थियों ने किया आवेदन
69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल 69000 अभ्यर्थियों में से लगभग 1.37 लाख ने बुधवार शाम तक ऑनलाइन आवेदन कर दिया है। मोबाइल नंबर में संशोधन की अनुमति मिलने के बाद भी तकरीबन आठ हजार अभ्यर्थियों को फार्म भरना बाकी है।
केस वन:
सुल्तानपुर की निशा परवीन दिव्यांग हैं लेकिन दिसंबर 2018 में लिखित परीक्षा का फॉर्म भरते समय दिव्यांग का कॉलम भरना ही छूट गया। अब उन्हें इस कोटे का लाभ मिलने की उम्मीद नहीं है। इसके चलते वह बहुत परेशान हैं।
केस टू:
शिक्षामित्र रवीना भी अपने फॉर्म में शिक्षामित्र होने का कॉलम नहीं भर सकीं। अब उन्हें भारांक मिलने की उम्मीद नहीं है। इसके चलते उनके चयन पर संदेह है।
शिक्षक भर्ती में बीटीसी को प्राथमिकता देने को सीएम से लगाई गुहार
उत्तर प्रदेश में अध्यनरत लगभग 6 लाख बीटीसी व डीएलएड प्रशिक्षुओं ने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए प्रथम वरीयता देने को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा विभाग, एससीईआरटी व परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को ई-मेल के माध्यम से मांग पत्र भेजा है। इससे पहले एक सप्ताह तक लगातार ट्विटर अभियान के माध्यम से बीटीसी प्रथम वरीयता को ट्रेंड में रखा गया लेकिन सरकार की तरफ से प्रतिक्रिया नहीं मिली। बीटीसी व डीएलएड प्रशिक्षुओं ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की ओर से 28 जून 2018 को जारी अधिसूचना में संशोधन कर उन्हें चयन में वरीयता देने का अनुरोध किया है।
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