इस यूनिवर्सिटी में 2019-20 के सत्र में 18 पीजी कोर्स की होगी पढ़ाई, जानें इसके बारे में सबकुछ
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (पीपीयू) में सत्र 2019-20 से पीजी के 18 विभाग संचालित होंगे। शिक्षा विभाग ने शनिवार को इन विभागों की स्वीकृति से जुड़ा पत्र विश्वविद्यालय के कुलपति को भेजा है। पीजी...
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (पीपीयू) में सत्र 2019-20 से पीजी के 18 विभाग संचालित होंगे। शिक्षा विभाग ने शनिवार को इन विभागों की स्वीकृति से जुड़ा पत्र विश्वविद्यालय के कुलपति को भेजा है।
पीजी के जिन विभागों को स्वीकृति दी गई है उनमें वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान, भौतिकी, रसायनशास्त्र, गणित, इतिहास, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, संस्कृत, कम्प्यूटर साइंस, वाणिज्य, भूगोल, गृह विज्ञान और समाजशास्त्र शामिल हैं।
इन विभागों में शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों की बहाली के लिए विवि की ओर से समीक्षा की जा रही है। विशेष सचिव सतीश चंद्र झा की ओर से भेजे गए पत्र में इस बात का जिक्र है कि समीक्षा के उपरान्त बहाली से जुड़ी अधिसूचना जारी की जाएगी। पाटलिपुत्र विवि के प्रतिकुलपति गिरिश कुमार चौधरी ने बताया कि वर्ष 2018-19 में विश्वविद्यालय की ओर से पीजी के 11 विभाग संचालित किये जा रहे हैं। यह नवसृजित विवि के लिये बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि आगामी सत्र से लागू होने वाले यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम को देखते हुए कंप्यूटर साइंस विभाग की स्थापना की स्वीकृति बेहतरीन निर्णय है।
मुंगेर में विभिन्न विभागों से जुड़े स्कूलों को स्वीकृति : मुंगेर में विभिन्न विभागों से जुड़े 12 स्कूलों की स्वीकृति दी गई है। इसमें स्कूल ऑफ लाइफ साइंस, स्कूल ऑफ फिजिकल साइंस, स्कूल ऑफ मैथेमैटिकल साइंस, स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस, स्कूल ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट स्टडीज, स्कूल ऑफ ह्यूमिनिटिज, स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज, स्कूल ऑफ योगिक साइंसेज, स्कूल ऑफ अर्थ एंड प्लेनेटरी साइंसेज, स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज, स्कूल ऑफ कंटीन्यूइंग लर्निंग एंड प्रोफेशनल डेवलपमेंट स्टडीज शामिल हैं। शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों की बहाली से जुड़ी अधिसूचना समीक्षा के बाद जारी की जाएगी।
विवि के लिए होगी बड़ी उपलब्धि: पाटलिपुत्र विवि में सत्र 2018-19 की तुलना में सत्र 2019-20 में पीजी के सात नए कोर्स शुरू होंगे। इसे विवि प्रशासन की ओर से बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। विवि का कहना है कि नए कोर्स के शुरू होने से छात्रों का रूझान बढ़ेगा। इसको लेकर राजधानी समेत राज्य के छात्रों को उनके प्रदेश में भी संबंधित विषय की पढ़ाई का मौका मिलेगा। वहीं, विवि में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में भी जबर्दस्त इजाफा होगा।
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