Hindi Newsकरियर न्यूज़SSC GD Constable : Calcutta High Court Upholds CAPF Recruitment Standards Denies Relaxation in Height Requirement

SSC GD CAPF : 0.6 सेमी लंबाई कम रहने पर कोर्ट पहुंचा अभ्यर्थी, अदालत ने सुनाया यह फैसला

  • SSC GD CAPF : हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा गया है कि बीएमआई और लंबाई में छूट के लिए प्रावधान अलग-अलग और स्पष्ट रूप से किए गए हैं। कोर्ट ने अभ्यर्थी के रिजल्ट में दखल देने से इनकार कर दिया।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, कोलकाताFri, 3 Jan 2025 03:57 PM
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कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में कांस्टेबल के तौर पर चयन के लिए उस अभ्यर्थी की याचिका खारिज कर दी जिसकी लंबाई पात्रता शर्तों में मांगी गई लंबाई से कम थी। अदालत ने कहा कि ऐसी स्थिति में शारीरिक मानक परीक्षा (पीएसटी- फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट) परिणाम में हस्तक्षेप की गुंजाइश बहुत सीमित है। न्यायमूर्ति अरिंदम मुखर्जी ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि अदालत को शारीरिक मानक परीक्षा (पीएसटी) के रिजल्ट में दखल देने का कोई कारण नहीं दिखता, जिसका अनुरोध याचिकाकर्ता ने किया है। अभ्यर्थी ने एसएससी सीएपीएफ, एसएसएफ में जीडी कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) और असम राइफल्स में राइफलमैन भर्ती 2024 के लिए आवेदन किया था।

न्यायमूर्ति मुखर्जी ने कहा कि ऐसी स्थिति में पीएसटी रिजल्ट में हस्तक्षेप की गुंजाइश बहुत सीमित है। इस तरह का दखल सावधानी से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता चयन प्रक्रिया और रिव्यू एग्जामिनेशन दोनों में लंबाई संबंधी योग्यताओं पर खरा उतने में असफल रहा है।

मांगी गई थी 170 सेमी लंबाई, निकली 169.4 सेमी

हारुन मिया ने अपनी याचिका में अनुरोध किया था कि 2024 की भर्ती परीक्षा के लिए रोजगार नोटिस के अनुसार सीएपीएफ में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) की भर्ती प्रक्रिया में उसे शामिल करने पर विचार किया जाए। पीएसटी में याचिकाकर्ता की लंबाई 169.4 सेंटीमीटर पायी गई। हारुन मिया के वकील ने दावा किया कि मई 2015 में प्रकाशित सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती मेडिकल जांच के दिशानिर्देशों के अनुसार जिस अभ्यर्थी की लंबाई रोजगार सूचना में दी गई न्यूनतम लंबाई से कम है, उसे पीएसटी के लिए निर्धारित न्यूनतम लंबाई से 0.5 सेंटीमीटर का लाभ दिया जाएगा। रोजगार सूचना में कहा गया है कि न्यूनतम ऊंचाई 170 सेंटीमीटर है। उन्होंने कहा कि ऐसे नियम के मद्देनजर याचिकाकर्ता को ऊंचाई के आधार पर खारिज करने के बजाय पीएसटी में सफल घोषित किया जाना चाहिए था और अगले चरण यानी शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) के लिए भेजा जाना चाहिए था।

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0.5 की छूट दे दी जाए तो भी लंबाई कम: कोर्ट

अदालत ने हाल में दिए अपने फैसले में कहा कि अगर छूट पर विचार किया जाए तो भी याचिकाकर्ता की ऊंचाई कम है। याचिकाकर्ता के अनुरोध का विरोध करते हुए केंद्र सरकार के वकीलों ने कहा कि याचिकाकर्ता जिन 2015 के दिशानिर्देशों की बात कर रहे हैं वे पीएसटी चरण में लागू नहीं हो सकते। इन दिशानिर्देशों की प्रस्तावना में कहा गया है कि 0.5 सेमी की छूट वाला प्रावधान केवल भर्ती के मेडिकल जांच (बीएमआई के लिए - BMI) वाले चरण के लिए किया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि ऊंचाई में छूट केवल अनुसूचित जनजातियों (एसटी) या कुछ अन्य श्रेणियों के मामले में दी जा सकती है। वकीलों ने कहा कि याचिकाकर्ता को छूट नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि इससे विवाद पैदा होने की आशंका है।

वकीलों ने कहा कि याचिकाकर्ता को छूट नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि इससे विवाद पैदा हो जाएगा और विशेषज्ञ भर्ती संस्थाओं द्वारा तय मापदंडों पर आधारित पूरी चयन प्रणाली अप्रासंगिक हो जाएगी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा गया है, 'बीएमआई और लंबाई में छूट के लिए प्रावधान अलग-अलग और स्पष्ट रूप से किए गए हैं।'

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