स्कूलों में बच्चों के एडमिशन में 37 लाख की गिरावट: शिक्षा मंत्रालय
- शिक्षा मंत्रालय के यूडीआईएसई डाटा के मुताबिक देशभर के विद्यालयों में 2023-24 में दाखिला पिछले वर्ष की तुलना में 37 लाख कम हुआ है। दाखिला लेने वाले 26.9 प्रतिशत छात्र सामान्य श्रेणी से हैं।
देशभर के विद्यालयों में 2023-24 में दाखिला पिछले वर्ष की तुलना में 37 लाख कम हुआ है। यह जानकारी शिक्षा मंत्रालय के शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडीआईएसई) डाटा से मिली है। शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडीआईएसई) प्लस एक डेटा एकत्रीकरण मंच है। शिक्षा मंत्रालय देशभर से स्कूली शिक्षा के आंकड़ों को एकत्र करने के लिए इसका प्रबंधन करता है। वर्ष 2022-23 में दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या 25.17 करोड़ थी, जबकि 2023-24 के लिए यह संख्या 24.80 करोड़ है। समीक्षाधीन अवधि में छात्राओं की संख्या में 16 लाख की कमी आई, जबकि छात्रों की संख्या में 21 लाख की कमी आई।
दाखिला लेने वाले अल्पसंख्यक
20 फीसदी रहा प्रतिनिधित्व
79.6 प्रतिशत मुस्लिम
10 प्रतिशत ईसाई
6.9 प्रतिशत सिख
2.2 प्रतिशत बौद्ध
1.3 प्रतिशत जैन
0.1 प्रतिशत पारसी
किस श्रेणी से कितने छात्र
26.9 प्रतिशत छात्र सामान्य श्रेणी से
18 प्रतिशत अनुसूचित जाति से
9.9 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति
45.2 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी से
कमी की वजह
यूडीआईएसई प्लस ने 2023-24 से स्वैच्छिक आधार पर छात्र-छात्राओं के आधार नंबर के साथ-साथ उनके डाटा को एकत्रित करने का प्रयास किया। 2023-24 तक कुल मिलाकर, 19.7 करोड़ से अधिक छात्रों ने आधार नंबर उपलब्ध कराए। अधिकारियों ने स्पष्ट किया, डाटा में पिछले वर्षों की तुलना में कुछ बदलाव देखे गए हैं, क्योंकि यह एक नई कवायद है, जो 2021-22 या उससे पहले के वर्षों से पूरी तरह अलग है। माना जा रहा है कि कई छात्रों ने अभी तक आधार उपलब्ध नहीं कराए हैं।
57 प्रतिशत स्कूलों में कंप्यूटर, 53 प्रतिशत में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है: शिक्षा मंत्रालय
देश में केवल 57 प्रतिशत स्कूलों में कंप्यूटर चालू हालात में हैं, जबकि 53 प्रतिशत में ही इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के एक आंकड़े में यह जानकारी दी गई। 'यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (यूडीआईएसई) प्लस' आंकड़ा एकत्र करने वाला मंच है, जिसे शिक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया है। इसके आंकड़े में बताया गया है कि 90 प्रतिशत से अधिक स्कूल बिजली और छात्र-छात्रा के लिए अलग-अलग शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं से लैस हैं, जबकि चालू हालत में कंप्यूटर, इंटरनेट सुविधा, रेलिंग युक्त रैंप जैसी उन्नत सुविधाएं सीमित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल 57.2 प्रतिशत स्कूलों में ही कंप्यूटर चालू हालत में हैं, 53.9 प्रतिशत में ही इंटरनेट सुविधा उपलब्ध है और 52.3 प्रतिशत में रेलिंग युक्त रैंप हैं।
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