Hindi Newsकरियर न्यूज़Republic Day Essay in Hindi : essay on 26 January 76th Republic Day also can use in speech

Republic Day Essay : गणतंत्र दिवस पर 500 शब्दों का आसान निबंध, फटाफट हो जाएगा याद

  • Republic Day Essay in Hindi : संविधान को लागू हुए 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। ऐसे में इस बार कर्तव्य पथ (पहले राजपथ) पर होने वाली परेड भी और भी खास होगी। परेड के दौरान दो झांकियां संविधान के 75 साल के उत्सव को दिखाएगी।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तानThu, 23 Jan 2025 04:46 PM
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Republic Day Essay : गणतंत्र दिवस पर 500 शब्दों का आसान निबंध, फटाफट हो जाएगा याद

Republic Day Speech in Hindi : 26 जनवरी को भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। देशवासी देशभक्ति की भावना और जोश से भरे हुए हैं। भारत का हर नागरिक इन गौरवान्वित पलों का उत्सव पूरे उत्साह व भव्यता के साथ मना रहा है। 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था। उसके बाद से ही इस दिन को बड़े ही हर्षो-उल्लास के साथ गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस ऐतिहासिक मौके पर स्कूल कॉलेजों में भाषण व निबंध सहित अन्य प्रतियोगिताओं को आयोजित किया जाता है। अगर आप भी 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी निबंध प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रहे हैं तो यहां से उदाहरण ले सकते हैं। नीचे दिया निबंध आपको आसानी से याद हो जाएगा।

Republic Day Essay : गणतंत्र दिवस पर निबंध

हर साल 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस साल यानी 2025 में देश अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। ये 76वां गणतंत्र दिवस कई मायनों में देश की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव है क्योंकि संविधान को लागू 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। 26 जनवरी वो तारीख है जिसे भारतवासी कभी नहीं भुला सकते। 26 जनवरी 1950 को ही हमारा संविधान लागू हुआ था। यह वह दिन था भारत लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।

तीन बड़ी उपलब्धियों की याद दिलाता है गणतंत्र दिवस

26 जनवरी का दिन हमें तीन बड़ी उपलब्धियों की याद दिलाता है। पहली यह कि हमें वह संविधान मिला जिसे भारत के लोगों ने स्वंय अपना भविष्य तय करने के लिए बनाया था। दूसरी उपलब्धि राष्ट्र को अपना मूल नाम भारत वापस मिला। तीसरी बड़ी उपलब्धि ब्रिटिश सम्राट द्वारा नियुक्त गर्वनर जनरल के स्थान पर हमारा अपना राष्ट्रपति मिला। इसी तिथि पर गवर्नर जनरल का झंडा उतारा गया और भारत के पहले राष्ट्रपति ने अपना झंडा फहरा दिया। इसी तिथि पर संविधान सभा पहले आम चुनाव तक संसद में बदल गई। इसी दिन राष्ट्रपति के शपथ के बाद प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनके मंत्रिमंडल ने अपने संविधान को हाजिर-नाजिर कर शपथ ली।

भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी जरूरी मिल चुकी थी लेकिन अपना संविधान न होने के कारण भारत का शासन 29 महीनों तक ब्रिटिश संसद द्वारा पारित भारत सरकार अधिनियम 1935 के अनुसार ही चल रहा था।संविधान सभा को भारत का संविधान गढ़ने में करीब 3 साल का समय लगा। 26 जनवरी 1950 को जब देश में हमारा अपना संविधान लागू हुआ, तब जाकर हमारी सरकार, हमारा शासन व व्यवस्था हमारे संविधान मुताबिक चलने लगी।

76वें गणतंत्र दिवस की परेड है बेहद खास

वैसे तो गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश के विभिन्‍न क्षेत्रों में ध्‍वजारोहण समारोह व अन्य परेड व सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। लेकिन देश का सबसे बड़ा, प्रमुख और सबसे महत्‍वपूर्ण समारोह नई दिल्‍ली में कर्त्तव्य पथ पर आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में देश की ताकत, तरक्की, समृद्ध सांस्‍कृतिक विरासत और सैन्‍य शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है। परेड में निकलने वाली तमाम राज्यों की झांकियों से देश की विविधता में एकता की झलक नजर आती है। दिल्ली के इंडिया गेट पर होने वाली इस भव्य परेड में राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं। संविधान को लागू हुए 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। ऐसे में इस बार कर्तव्य पथ (पहले राजपथ) पर होने वाली परेड भी और भी खास होगी। परेड के दौरान दो झांकियां संविधान के 75 साल के उत्सव को दिखाएगी।

गणतंत्र दिवस परेड की थीम और मुख्य अतिथि

इस बार गणतंत्र दिवस परेड की थीम 'स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास' रखी गई है। इस वर्ष विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों की 31 झांकियां भाग लेंगी, जो 'स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास' विषय पर आधारित होंगी। परेड में मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो होंगे।

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स्वतंत्रता सेनानियों व शहीद सैनिकों को याद करने का दिन

गणतंत्र दिवस पर देश भारत को आजाद कराने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर नमन करता है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर शौर्य का प्रदर्शन करने वाले सैन्‍य कर्मियों, पुलिकर्मियों, नागरिकों और बच्‍चों को वीरता के पुरस्‍कार भी दिए जाते हैं। इसके अलावा पद्म पुरस्कारों का ऐलान भी होता है।

आत्मनिरीक्षण करने, उपलब्धियों और विफलताओं का आकलन करने का दिन

गणतंत्र दिवस हमारे तीन राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है। हमारे राष्ट्रीय त्योहार ऐसे महत्वपूर्ण अवसर होते हैं जब हम अतीत की तरफ देखकर आकलन करते हैं कि हमने क्या खोया, क्या पाया। साथ ही भविष्य की चुनौतियों व लक्ष्य की ओर भी देखते हैं।

तरक्की पर गर्व करने का दिन

आजादी के बाद पंचवर्षीय योजनाओं, हरित व श्वेत क्रांति से हमारे देश की विकास यात्रा ने रफ्तार पकड़ी। इसके बाद आज भारत चांद पर तिरंगा लहरा चुका है। हमारा देश न सिर्फ परमाणु शक्ति संपन्न बन चुका है बल्कि सेनाएं आधुनिक हथियारों, एडवांस्ड लड़ाकू विमानों, पनडुब्बियों और आधुनिक रायफल्स जैसे विध्वंसक हथियारों से लैस हो चुकी हैं। भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क में से एक है। साथियों हमारे देश ने आजादी के बाद विज्ञान, तकनीकी, शिक्षा, मनोरंजन क्षेत्र में इतनी तरक्की कर ली है कि दुनिया हमारी तरफ देख रही है। भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।

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आज हमें सशस्त्र बलों, पुलिस और अर्ध-सैन्य बलों का भी कृतज्ञतापूर्वक अभिनंदन करना चाहिए। उनकी बहादुरी और सतर्कता के बिना हम उन प्रभावशाली उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर सकते थे जो हमने हासिल कर ली हैं।

काफी कुछ पाना बाकी

इतनी लंबी यात्रा के बाद अभी काफी कुछ पाना बाकी हो। देश में आज भी आतंकवाद, नक्सलवाद, लिंग भेद, महिला विरोधी अपराध व उनसे भेदभाव, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, गरीबी, अशिक्षा जैसी समस्याएं हैं। हमें इन्हें जड़ से मिटाने के लिए एक साथ आगे आना होगा। देश में हर घर में पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करनी है। हर शहर व गांव के हर घर में 24 घंटे बिजली के लक्ष्य को पाना है। हमें आज के दिन अपने क्षेत्र को स्वच्छ रखने का संकल्प भी लेना चाहिए।

जय हिंद। जय भारत। भारत माता की जय।

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