Hindi Newsकरियर न्यूज़New education policy: How many students in multiple entry-exit universities and colleges of Bihar should give report

नई शिक्षा नीति : मल्टीपल इंट्री-एग्जिट में कितने छात्र, यूपी के विश्वविद्यालय और कॉलेज दें रिपोर्ट

  • विशेष सचिव शासन शिपू गिरि ने उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज और सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को 23 अक्टूबर को भेजे पत्र में यह पूछा है कि सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को किस प्रकार मल्टीपल इंट्री-एग्जिट की सुविधा दी जा रही है।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, मुख्य संवाददाता, प्रयागराजThu, 31 Oct 2024 08:56 AM
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उच्च शिक्षा में सकल पंजीकरण अनुपात (जीईआर) बढ़ाने और ड्रॉपआउट कम करने के उद्देश्य से लागू मल्टीपल इंट्री-एग्जिट (एकाधिक प्रवेश और निकास) के क्रियान्वयन को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर है। विशेष सचिव शासन शिपू गिरि ने उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज और सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को 23 अक्टूबर को भेजे पत्र में यह पूछा है कि सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को किस प्रकार मल्टीपल इंट्री-एग्जिट की सुविधा दी जा रही है। यदि विश्वविद्यालयों ने इस संबंध में कोई नियम बनाया है तो उसकी प्रति भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही विश्वविद्यालय स्तर पर अब तक कितने विद्यार्थियों को इस सुविधा का लाभ प्रदान किया गया है। लाभान्वित होने वाले विद्यार्थियों की संख्या सूची सहित शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन में शासन की ओर से 20 अप्रैल 2021 को उच्च शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों के लिए 2021-22 सत्र से मल्टीपल इंट्री-एग्जिट व्यवस्था लागू की गई थी।

हालांकि कई संस्थानों ने इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में 11 अगस्त 2024 को हुई समीक्षा बैठक में भी मुख्यमंत्री ने मल्टीपल इंट्री-एग्जिट व्यवस्था सभी शैक्षिक संस्थानों में लागू करने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल की अध्यक्षता में सभी राज्य व निजी विश्वविद्यालय, उच्च शिक्षा निदेशक और क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों की समीक्षा बैठक में भी प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए गए हैं।

क्या है मल्टीपल एंट्री-एग्जिट

मल्टीपल एंट्री-एग्ज़टि के तहत छात्र किसी भी समय अपना पाठ्यक्रम छोड़ सकते हैं और बाद में फिर से शुरू कर सकते हैं। चार वर्षीय स्नातक में नामांकित छात्र को एक वर्ष पूरा करने पर प्रमाणपत्र, दो वर्ष पर डिप्लोमा, तीन वर्ष की पढ़ाई पर स्नातक डिग्री और पूरे चार वर्ष का कोर्स करने पर स्नातक विथ रिसर्च की डिग्री मिलती है।

आंकड़ों पर एक नजर

- 5476441 विद्यार्थी

- 22 राज्य विश्वविद्यालय

- 38 निजी विश्वविद्यालय

- 01-01 मुक्त व डीम्ड विवि

- 172 राजकीय महाविद्यालय

- 331 एडेड डिग्री कॉलेज

- 7422 निजी महाविद्यालय

- मुख्यमंत्री ने सभी उच्च शैक्षिक संस्थानों में लागू करने के दिए हैं निर्देश

- राज्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से इस सुविधा की मांगा गया ब्योरा

- उच्च शिक्षा विभाग ने तलब की लाभान्वित होने वाले छात्रों की रिपोर्ट

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