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NEET UG toppers tips:किसी ने 7वीं क्लास से तैयारी, तो कोई रोज 5 घंटे पढ़कर बना टॉपर, आपके भी काम आएगी नीट टॉपर्स की सलाह

  • किसी ने सातवीं क्लास से शुरू कर दी थी तैयारी, तो कोई रोज 5 घंटे पढ़कर ही नीट टॉपर बन गया। आप भी अगर नीट एग्जाम देने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपके लिए यहां 3 टॉपर्स के आपके लिए टिप्स

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तानFri, 13 Dec 2024 07:32 PM
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किसी ने सातवीं क्लास से शुरू कर दी थी तैयारी, तो कोई रोज 5 घंटे पढ़कर ही नीट टॉपर बन गया। आप भी अगर नीट एग्जाम देने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपके लिए यहां 3 टॉपर्स की सलाह, जो आपके तैयारी में आपकी काफी मदद कर सकती है। माधुरी जी रेड्डडी, नलीन खंडेलवाल और तनिष्का

NEET UG 2022 में राजस्थान की तनिष्का को पहली रैंक मिली थी। तनिष्का ने एग्जाम में 720 में से 715 अंक हासिल किए हैं। तनिष्का ने बताया कि मुझे इस बात का अंदाजा नहीं था कि पहली रैंक आ जाएगी। आंसर की चेक करने से इस बात का अंदाजा लग गया था कि एम्स दिल्ली में एमबीबीएस की सीट पक्की हो जाएगी।

कब से की नीट की तैयारी
नीट की तैयारी 11वीं क्लास से शुरू क दी थी। 6 घंटे की क्लास लेती थी और फिर जो क्लास में सर पढ़ाते थे उन्हें रिवाइज करती थी। वीक चैप्टर थे उन्हें रिवाइज करती थी। रोज पांच-6 घंटे पढ़ती थी। जो आज पढ़ाया गया था वो आज आज ही खत्म करती थी। आखिर के 5-6 महीने थोड़ा ज्यादा ध्यान दिया। 11वीं क्लास और 12वीं क्लास दोनों के साथ करना अच्छा है। गेप ईयर लेकर कोई फायदा नहीं है, जो बोर्ड का सिलेबस है, वहीं आपका नीट का सिलेबस है। बाद में करेंगे, तो एकस्ट्रा आपके लिए तनाव करेंगे।

नीट यूजी के स्टूडेंट्स को टिप्स

क्लास में अच्छे से ध्यान दें, उनकी बात फॉलो करें, एनसीईआरटी और किसी कोचिंग का स्टडी मैटेरियल भी ले सकते हैं। बीच में ब्रैक और रिलेक्स करना सही है। 5-6 घंटे की पढ़ाई के बात दिमाग में कुछ नहीं घुसता। सिर्फ 5-6 घंटे ही पढ़ना सही है, दिमाग को रिलेक्स करने के लिए गाने सुनना और पैरेंट्स से बात कर लेती थी। पैरेंट्स का सपोर्ट हमेशा रहा है। पैरेंट्स ने कभी मार्क्स के लिए कभी प्रैशर नहीं दिया। तनिष्का के 12वीं में 98 फीसदी मार्क्स आए थे।

7वीं क्लास से कर दी थी नीट की तैयारी
2019 में माधुरी रैड्डी जी ने नीट यूजी एग्जाम में गर्ल्स में टॉप किया था। उन्होंने अपने दिए इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने नीट की तैयारी 7वीं क्लास से ही शुरू कर दी थी। इसके लिए उन्होंने किसी प्राइवेट कॉलेज में फाउंडेशन कोर्स में एडमिशन लिया। बचपन से उनका लक्ष्य डॉक्टर बनना था। अगर आपका लक्ष्य स्पष्ट है तो आप उसे आसानी से पा सकते हैं? उनके दृढ़ निश्चय ने उनका यह सपना पूरा कर लिया। रोजाना माधुरी 10 से 12 घंटे पढ़ाई करती थीं। 12वीं में उनके 98.6 फीसदी मार्क्स आए थे। माधुरी रेड्डी ने 99.999 प्रतिशत के साथ 720 में से 695 अंक प्राप्त किए, जिससे वे लड़कियों की कैटेगरी में पहला और ओवरऑल 7वीं रैंक हासिल की हैं। उन्हें प्रथम स्थान पाने वाले नलिन खंडेलवाल से सिर्फ छह अंक कम मिले। इसके अलावा, माधुरी ने AP Eamcet 2019 भी दिया और उसमें भी उनकी 5वीं रैंक मिली। ​​वह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल एग्जामिनेशन एंड रिसर्च (JIPMER) एंट्रेंस एग्जाम में भी शामिल हुईं। माधुरी आगे जाकर हार्ट स्पेशलिस्ट बनना चाहती हैं।

2019 के टॉपर नलिन खंडेलवाल

नलिन खंडेलवाल ने 2019 में नीट यूजी एग्जाम टॉप किया था। मैं घर पर क्लास में पढ़ाया गया था, उसे रिवाइज करता था। 10वीं में टॉपर नहीं रहा हूं। भाई से आपस में चीजें क्लियर कर लेते थे। अगर आपने सभी कवर कर लिया है, तो उसी को बार बार रिवाइज करें, कोई नई चीज न लें। उन्होंने अपना सक्सेस टिप्स देते हुए बताया कि वो करीब 8 घंटे पढ़ाई करते थे। नलिन के 720 में से 701 अंक आए थे।

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