NEET रिजल्ट रोके जाने से नहीं ले पा रहा एडमिशन, 700 में से 106 अंक लाने वाला छात्र पहुंचा कोर्ट
- NEET UG : नीट 2024 देने वाले छात्र ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि वह एनटीए को उसका रिजल्ट जारी करने का आदेश दे ताकि वह आगे एडमिशन ले सके। एनटीए ने शक होने पर इसका रिजल्ट रोका हुआ है।
NEET UG : नीट यूजी 2024 देने वाले छात्रों का कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का सिलसिला रुक नहीं रहा। अबकि बार गुजरात का एक छात्र एनटीए की शिकायत लेकर गुजरात उच्च न्यायालय पहुंचा है। नेशनल टेस्टिंग टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का सहारा लेने के संदेह में इस छात्र का रिजल्ट रोका हुआ है। इस छात्र ने खेड़ा जिले के जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल में 5 मई को मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट दी थी। छात्र ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि वह एनटीए को उसका रिजल्ट जारी करने का आदेश दे ताकि वह आगे एडमिशन ले सके।
गोधरा स्थित जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल के अधिकारियों और ट्रस्टी पर नीट 2024 परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप है। सीबीआई देश भर में हुए इस घोटाले की जांच कर रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ता छात्र ने नीट में 720 में से 106 अंक प्राप्त किए थे। एनटीए की वेबसाइट पर उसका यही स्कोर दिखाया गया। लेकिन एनटीए ने शक होने पर उसका रिजल्ट रोक दिया।
छात्र ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया है कि वह एनटीए को उसका रिजल्ट जारी करने का निर्देश दे ताकि वह राजस्थान के एक वेटरिनेरी कॉलेज में एडमिशन पा सके। छात्र का कहना है कि वह पहले ही कॉलेज को 2.50 लाख रुपये की फीस का भुगतान कर चुका है। एडमिशन के लिए उसे अपना नीट रिजल्ट सब्मिट करना होगा, जिसे एनटीए ने रोका हुआ है।
पुलिस और सीबीआई पूछताछ कर चुकी है
हाईकोर्ट में दायर याचिका में छात्र ने दलील दी है कि उसे स्थानीय पुलिस के साथ-साथ सीबीआई ने भी पूछताछ के लिए बुलाया था। एनटीए ने उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि नीट परीक्षा में कथित तौर पर अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने के लिए उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। जवाब में उसने कहा कि उसका परीक्षा केंद्र खेड़ा जिले के थर्मल स्थित जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल था, न कि गोधरा, जहां कथित तौर पर गड़बड़ियां हुई हैं। उसने यह भी कहा कि उसने परीक्षा में केवल 88 प्रश्न हल किए और 720 अंकों में से 106 अंक प्राप्त किए, जो स्पष्ट करता है कि याचिकाकर्ता को परीक्षा में औसत अंक मिले और परिणाम याचिकाकर्ता की योग्यता के अनुसार काफी बढ़ा चढ़ा कर या अप्रत्याशित नहीं था।
एकल न्यायाधीश की पीठ ने 29 अगस्त को छात्र की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि यदि याचिकाकर्ता का परिणाम जारी करने का निर्देश दिया जाता है और बाद में याचिकाकर्ता को गड़बड़ी का दोषी पाया जाता है, तो याचिकाकर्ता का नीट परिणाम रद्द किया जा सकता है। छात्र ने अब एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील की है। डिविजन बेंच अगले सप्ताह छात्र की अपील पर सुनवाई करेगी।
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