NEET UG : अब फिजियोथेरेपी कोर्स में नामांकन नीट-यूजी के माध्यम से होगा
अब फिजियोथेरेपी कोर्स में नामांकन नीट-यूजी के माध्यम से ही होगा। यह कोर्स एमबीबीएस की तरह ही पांच साल का होगा।

अब फिजियोथेरेपी कोर्स में नामांकन नीट-यूजी के माध्यम से ही होगा। यह कोर्स एमबीबीएस की तरह ही पांच साल का होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर सरकारी एवं प्रतिष्ठित निजी संस्थानों में इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए नेशनल इलिजबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट-अंडरग्रेजुएट को अनिवार्य कर दिया है। अब फिजियोथेरेपिस्ट को नाम के आगे डॉक्टर और बाद में पीटी यानी फिजियोथेरेपिस्ट लगाना अनिवार्य होगा।
आईजीआईएमएस में फिजियोथेरेपी विभाग के प्रोफेसर डॉ. रत्नेश चौधरी और एलएनजेपी के फिजियोथेपिस्ट डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि इससे न केवल पाठ्यक्रम के स्तर बल्कि रोजगार अवसर की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। नाम के आगे डॉक्टर लगाने से समाज में प्रतिष्ठा तो बाद में पीटी लगाने से पता चलेगा कि वे सर्जन, फिजिशियन हैं या फिजियोथेरेपिस्ट। इस अधिसूचना का आधार भारतीय संसद द्वारा पारित पास हेल्थ एवं अलाइड हेल्थ केयर बिल-2021 है।
अलग फिजियोथेरेपी विभाग खुलेगा
आईजीआईएमएस में फिजियोथेरेपी विभाग के प्रोफेसर डॉ. रत्नेश चौधरी ने कहा कि इस बिल के पारित होने से अब हर अस्पताल में अलग फिजियोथेरेपी विभाग खुलेगा और उसका अलग से पंजीयन भी होगा। फिजिथेरेपिस्ट चिकित्सकों को हर तीन वर्ष पर ज्ञान बढ़ाने के लिए परीक्षा देनी होगी। इनकी शिक्षा व क्लिनिकल कैडर अलग होंगे। आईजीआईएमएस में 25 साल से स्वतंत्र फिजियोथेरेपी विभाग कार्य कर रहा है।