Hindi Newsकरियर न्यूज़NEET PG 2024: SC asks Centre NMC others to respond on plea for fresh counselling check details

NEET PG : नीट पीजी राउंड-3 AIQ काउंसलिंग फिर से कराने की मांग, SC ने मांगा NMC व केंद्र से जवाब

  • याचिका में कहा गया है कि कई होनहार अभ्यर्थी सीट पाने से वंचित रह गए। नीट पीजी राउंड-3 AIQ काउंसलिंग फिर से कराने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने एनएमसी व केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तानWed, 5 Feb 2025 05:56 AM
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NEET PG : नीट पीजी राउंड-3 AIQ काउंसलिंग फिर से कराने की मांग, SC ने मांगा NMC व केंद्र से जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने नीट पीजी 2024 के ऑल इंडिया कोटा (एआईक्यू) राउंड-3 की नये सिरे से काउंसलिंग के अनुरोध वाली याचिका पर मंगलवार को केंद्र, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) और अन्य से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने याचिका पर जवाब तलब करते हुए नोटिस जारी किया और सुनवाई सात फरवरी के लिए निर्धारित कर दी। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) 2024 की काउंसलिंग के लिए पात्र याचिकाकर्ताओं ने कहा कि नीट-पीजी के लिए ऑल इंडिया कोटा (एआईक्यू) काउंसलिंग का राउंड-3 कुछ राज्यों में काउंसलिंग के राउंड 2 के खत्म होने से पहले शुरू हुआ था।

वकील तन्वी दुबे की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता एआईक्यू और राज्य कोटा संबंधी काउंसलिंग कार्यक्रम में टकराव से काफी दुखी हैं। याचिका में कहा गया है कि एआईक्यू कोटा और राज्य कोटे के लिए काउंसलिंग कार्यक्रम के तारीखों में टकराव के चलते बड़े पैमाने पर पात्र छात्र दाखिले से वंचित हो गए। याचिका में कहा गया है कि इसकी वजह से राज्य कोटे के कई उम्मीदवार जो एआईक्यू के तहत दाखिले के लिए तीसरे चरण की काउंसलिंग के लिए पंजीकरण करने के लिए अयोग्य थे, उन्हें तीसरे चरण में पंजीकरण करने और दाखिले के लिए सीट ब्लॉक करने का मौका मिला गया।

इसमें कहा गया है कि राज्य कोटे से कई अभ्यर्थियों को एआईक्यू चरण-3 में पंजीकरण करने और सीट प्राप्त करने का मौका मिल गया, जो अन्यथा एआईक्यू राउंड-3 के लिए पंजीकरण करने के वास्ते अयोग्य थे।

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याचिका में कहा गया है कि जब राज्य संबंधी राउंड-2 की काउंसलिंग शुरू हुई, तो उनके पास सबसे अच्छे विकल्प के बीच चयन करने और राज्य संबंधी काउंसलिंग में बेहतर सीट मिलने पर एआईक्यू सीट छोड़ने का विकल्प था। इसमें कहा गया है, 'इससे याचिकाकर्ताओं और उनकी तरह के अन्य अभ्यर्थियों के लिए गंभीर पूर्वाग्रह पैदा हुआ, क्योंकि वे उन सीट से वंचित रह गए, जो राज्य संबंधी अभ्यर्थियों को मिल गईं, जिनके राउंड-2 की काउंसलिंग पहले शुरू नहीं हुई थी।'

याचिका में कहा गया है, 'यदि सभी राज्यों में राज्य संबंधी राउंड 2 काउंसलिंग समाप्त होने के बाद एआईक्यू राउंड-2 आयोजित किया गया होता, तो अभ्यर्थियों के एक समूह को एआईक्यू राउंड-3 में सीट प्राप्त करने और बाद में राज्य संबंधी राउंड-2 में भाग लेने के दौरान इसे छोड़ने का अनुचित लाभ नहीं मिलता।'

याचिका में दावा किया गया है कि 'मेडिकल काउंसलिंग कमेटी' ने राज्य संबंधी काउंसलिंग राउंड 2 के समापन से पहले एआईक्यू राउंड 3 काउंसलिंग आयोजित की, जिसके कारण मध्यप्रदेश के अभ्यर्थियों को सीट मिल गईं, जहां राज्य संबंधी काउंसलिंग का राउंड 2 तब तक समाप्त नहीं हुआ था। इसमें कहा गया है कि इससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई, जिसमें कई होनहार अभ्यर्थी सीट पाने से वंचित रह गए।

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