बीए-बीएससी नहीं, बीटेक की डिग्री लेकर सेना में अफसर बनेंगे
सेना अपने अफसरों को भविष्य की जरूरतों के अनुसार तैयार करने के लिए नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) के कोर्स में बदलाव लाने की तैयारी में है। इसके लिए नया कोर्स तैयार किया जा रहा है। 2026 से संशोधित कोर्स लागू कर दिया जाएगा।
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सेना अपने अफसरों को भविष्य की जरूरतों के अनुसार तैयार करने के लिए नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) के कोर्स में बदलाव लाने की तैयारी में है। इसके लिए नया कोर्स तैयार किया जा रहा है। 2026 से संशोधित कोर्स लागू कर दिया जाएगा। नए कोर्स में इंजीनियरिंग और तकनीक से जुड़े अध्ययन पर फोकस किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सेना में जिस प्रकार से नई तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ रहा है, उसके मद्देनजर अफसरों के शिक्षण-प्रशिक्षण में भी बदलाव लाने की जरूरत है। सेना में अफसरों की सर्वाधिक भर्ती एनडीए के जरिये होती है। एनडीए की परीक्षा में सफल युवाओं को चार साल का अध्ययन कराया जाता है। इस दौरान उन्हें सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ विज्ञान एवं कला से जुड़े विषयों की पढ़ाई कराई जाती है। इनमें इतिहास, राजनीतिक विज्ञान, भूगोल, गणित, रसायन एवं भौतिक विज्ञान जैसे विषय शामिल हैं। अध्ययन पूरा होने के बाद जब वे अफसर बनते हैं तो उन्हें बीए या बीएससी की डिग्री प्रदान की जाती है। लेकिन अब इस बात पर विचार हो रहा है कि उन्हें बीए या बीएससी की जगह बीटेक की डिग्री प्रदान की जाए।
एनडीए के कोर्स में बदलाव की प्रक्रिया शुरू की गई
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि एनडीए के कोर्स में बदलाव की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। कोशिश यह है कि 2026 से संशोधित कोर्स के अनुसार पढ़ाई शुरू की जाए। बता दें कि एनडीए से जो कैडेट नौसेना एवं वायुसेना में जाते हैं, उन्हें बीटेक की डिग्री दी जाती है। हालांकि वायुसेना और नौसेना के ग्राउंड स्टाफ ड्यूटी के कैडेट्स को बीएससी की डिग्री प्रदान की जाती है। ऐसी शाखा को गैर तकनीकी शाखा कहा जाता है।
नए कोर्स में दो विकल्पों पर विचार चल रहा
सेना के सूत्रों ने कहा कि नए कोर्स को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसमें दो विकल्पों पर विचार चल रहा है। एक सिर्फ बीटेक और बीएससी की डिग्री ही भविष्य में दी जाएगी। एक विकल्प यह भी है कि बीटेक और बीएससी के अलावा सीमित संख्या में ही कैडेट्स को बीए की डिग्री प्रदान की जाए।
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