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National Science Day Theme : क्यों मनाते हैं राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, क्या है थीम और रमन इफेक्ट, कौन थे सीवी रमन

  • National Science Day 2025 Theme : इस बार विज्ञान दिवस की थीम 'विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना' रखी गई है।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तानFri, 28 Feb 2025 07:25 AM
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National Science Day Theme : क्यों मनाते हैं राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, क्या है थीम और रमन इफेक्ट, कौन थे सीवी रमन

National Science Day 2025 Theme , what is raman effect : आज 28 फरवरी को देश राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उत्सव मना रहा है। 28 फरवरी, 1928 को सर सी वी रमन ने रमन इफेक्ट की खोज से पर्दा उठाया था। आज ही के दिन उन्होंने इस महान नवाचार की घोषणा की थी। इस महत्वपूर्ण खोज के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला था। हर साल इस महान आविष्कार की याद में 28 फरवरी का दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। महान भारतीय वैज्ञानिक डॉ. सीवी रमन की ओर से विज्ञान जगत को दिए गए अनुपम उपहार रमन इफेक्ट (रमन प्रभाव) की सालगिरह के मौके पर साइंस को प्रोत्साहित करने के लिए देश में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वैज्ञानिकों को उनके खोज कार्यों के लिए पुरस्कृत किया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य युवाओं, खास तौर पर विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति प्रेरित करना तथा लोगों को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है।

National Science Day 2025 Theme : क्या है इस बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम

हर साल सरकार की ओर से राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की कुछ न कुछ थीम भी रखी जाती है। इस बार इसकी थीम 'विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना' रखी गई है।

कौन थे सीवी रमन ( Who was CV Raman )

सीवी रमन का पूरा नाम था चंद्रशेखर वेंकट रमन। उनका जन्म 7 नवंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिलापल्ली में हुआ था। उनके पिता गणित और भौतिकी के लेक्चरर थे। उन्होंने विशाखापट्टनम के सेंट एलॉयसिस एंग्लो-इंडियन हाईस्कूल और तत्कालीन मद्रास के प्रेसीडेन्सी कॉलेज से पढ़ाई की। प्रेसीडेन्सी कॉलेज से उन्होंने 1907 में एमएससी पूरी की। यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास में उन्हें फिजिक्स में गोल्ड मेडल मिला। 1907 से 1933 के बीच उन्होंने कोलकाता में इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस में काम किया। इस दौरान उन्होंने फिजिक्स से जुड़े कई विषयों पर गहन रिसर्च की। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने बेंगुलुरु में रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट स्थापित किया। 1947 वह प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ( IISc ) के डायरेक्टर बने। 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा। भौतिकी में नोबल पुरस्कार पाने वाले वह भारत ही नहीं बल्कि एशिया के पहले वैज्ञानिक थे। 21 नवंबर, 1970 को उनका निधन हो गया।

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क्या है रमन इफेक्ट ( What is Raman Effect )

अब मैं आपको बताता हूं सीवी रमन की महान खोज रमन इफेक्ट के बारे में। जब वह एक बार लंदन से भारत आ रहे थे, तब समुद्र के जल को नीला देखकर उनके मन में जिज्ञासा पैदा हुई कि यह जल नीला क्यों है। इस पर उन्होंने भारत आकर रिसर्च की। पारदर्शी पदार्थ से गुजरने पर प्रकाश की किरणों में आने वाले बदलाव पर की गई उनकी महत्‍वपूर्ण खोज को रमन प्रभाव (रमन इफेक्ट) के नाम से जाना गया। जब प्रकाश की किरणें अलग अलग चीजों से टकराती हैं या उनमें से होकर गुजरती है, तो तरंगों के बिखरने के बाद उन पर व उनकी गति पर क्या असर होता है, उनकी खोज यह सब बताती थी। रमन इफेक्ट खोज का उपयोग आज पूरी दुनिया में हो रहा है।

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