Notification Icon
Hindi Newsकरियर न्यूज़MNNIT BTech student created software according to the National Education Policy it will make studies interesting

MNNIT के BTech छात्र ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक बनाया सॉफ्टवेयर, पढ़ाई को बनाएगा रोचक, होमवर्क भी देगा

  • एआई की मदद से विद्यार्थी अब रोचक तरीके से पढ़ाई कर सकेंगे। चाहे कोई ड्राइंग बनानी हो या फिर गणित के किसी सवाल को हल करना हो, एआई युक्त यह सॉफ्टवेयर सबमें मददगार बनेगा। एमएनएनआईटी के पुरा छात्र हिमांशु चौरिसया ने शिक्षण में मदद के लिए इसे तैयार किया है।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, अनिकेत यादव, प्रयागराजWed, 28 Aug 2024 05:40 AM
share Share

एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से विद्यार्थी अब रोचक तरीके से पढ़ाई कर सकेंगे। चाहे कोई ड्राइंग बनानी हो या फिर गणित के किसी सवाल को हल करना हो, एआई युक्त यह सॉफ्टवेयर सबमें मददगार बनेगा। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के पुरा छात्र हिमांशु चौरिसया ने शिक्षण में मदद के लिए इसे तैयार किया है। जिसे ‘मेधा’ नाम दिया गया है। खास बात यह कि इसे महज एक साल में विकसित किया गया है और यह बगैर इंटरनेट के काम करेगा। इससे किसी भी भाषा में सवाल कर मनचाही भाषा में जवाब मिल सकेगा। उत्तराखंड सरकार ने इस सॉफ्टवेयर को प्रयोग करने के लिए पुराछात्र हिमांशु से समझौता (एमओयू) किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) की गाइडलाइन के तहत हिमांशु वहां के 780 शिक्षकों को इसे चलाने का प्रशिक्षण देंगे। एमएनएनआईटी के बायोटेक्नोलॉजी विभाग से बीटेक करने वाले हिमांशु का दावा है कि उनके द्वारा विकसित यह देश का पहला टीचिंग एसिस्टिव एआई युक्त सॉफ्टवेयर है।

हिमांशु ने पढ़ाई के दौरान ही संस्थान में को-ग्रेड नाम से अपना स्टार्टअप शुरू किया था। यह कंपनी खास तरह की जरूरत के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करती है। उन्होंने बताया कि यह एआई सॉफ्टवेटर एनईपी-2020 के मानकों के अनुरूप गतिविधि आधारित शिक्षण के लिए तैयार किया गया है। इसकी मदद से शिक्षक छात्र का असाइनमेंट तैयार करवाने के साथ ही उसे होमवर्क दे सकेंगे। यह पढ़ाने के लिए लेसन प्लान तैयार करने में भी सक्षम है।

समझाने का मंत्र भी देगा

एआई सॉफ्टवेयर शिक्षकों को किसी भी जटिल विषय को छात्रों को आसानी से समझाने का मंत्र भी देगा। हिमांशु ने बताया कि इसका निर्माण ग्रामीण, पहाड़ी स्थानों को ध्यान में रखकर किया गया है। जहां पर इंटरनेट की सुविधा बहुत अच्छी नहीं है। बकौल हिमांशु समझौते के तहत वह 780 शिक्षकों को मुफ्त में प्रशिक्षित करेंगे, इसके बाद कोई शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहेगा तो उसे 100 रुपये शुल्क देना होगा। हिमांशु की टीम में इटावा के सौरभ और प्रशांत चौधरी भी शामिल हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें