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मेडिकल कॉलेजों में शुरू होगा MD इन इमरजेंसी मेडिसिन कोर्स, NMC का प्रस्ताव

  • एनएमसी ने मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग खोलने और एमडी इन इमरजेंसी मेडिसिन का कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। सर्जरी के साथ मेडिसिन विभाग के डॉक्टर भी आपातकालीन सेवा में मरीजों का इलाज कर सकेंगे।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, प्रमुख संवाददाता., मुजफ्फरपुरMon, 14 Oct 2024 03:31 PM
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आपदा के समय मरीजों की जान बचाने के लिए मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसका निर्देश नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने दिया है। दुर्घटना में घायल किसी भी मरीज का मेडिसिन विभाग के डॉक्टर कैसे इलाज करेंगे इसकी ट्रेनिंग उन्हें दी जाएगी। इसके बाद सर्जरी के साथ मेडिसिन विभाग के डॉक्टर भी आपातकालीन सेवा में मरीजों का इलाज कर सकेंगे। एनएमसी ने मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग खोलने और एमडी इन इमरजेंसी मेडिसिन का कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। एसकेएमसीएच की प्राचार्य प्रो. डॉ आभा रानी सिन्हा ने बताया कि एसकेएमसीएच में भी इमरजेंसी मेडिसिन खोलने पर विभागाध्यक्ष से बात की जाएगी।

उपकरण की भी मिलेगी जानकारी

मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों को आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को चलाने की भी ट्रेनिंग मेडिकल कॉलेजों में दी जाएगी। अगर कोई मरीज दुर्घटना गंभीर रूप से घायल हो गया है तो उसकी जान बचाने के लिए क्या कदम उठाने हैं, अगर मरीज को रेफर करना है तो उसे किस तरह से रेफर किया जाएगा। इसके साथ मेडिको लीगल की भी जानकारी दी जाएगी।

मानव संसाधन प्रबंधन के भी सीखेंगे गुर

डॉक्टरों को मानव संसाधन प्रबंधन के भी गुर सिखाए जाएंगे। किसी भी आपात स्थिति में उपकरण के साथ कर्मियों का प्रबंधन कैसे किया जाए, यह ट्रेनिंग में बताया जाएगा। इसके अलावा डॉक्टरों को बेसिल व एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम, नेशनल डिजास्टर लाइफ सपोर्ट सिस्टम, एडवांस डिजास्टर लाइफ सपोर्ट सिस्टम के बारे में भी बताया जाएगा। मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए उनमें नेतृत्व क्षमता का भी विकास किया जाएगा। वह अस्पताल में ड्यूटी शेड्यूल को तय कर सकें, इस ट्रेनिंग में इसकी भी जानकारी दी जाएगी।

मरीज को मनोवैज्ञानिक रूप से भी किया जाएगा स्थिर

एनएमसी ने कहा है कि मेडिसिन विभाग के डॉक्टर गंभीर मरीजों का सिर्फ इलाज ही नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी स्थिर करेंगे। आपातकालीन स्थिति में मरीज बहुत बेचैन रहता है। इसलिए डॉक्टरों का पहला काम मरीज को दिमागी तौर पर शांत करना होगा। इस ट्रेनिंग में डॉक्टरों में निर्णय लेने की क्षमता का विकास करने के संबंध में भी बताया जाएगा। डॉक्टरों को बताया जाएगा कि पहले गंभीर मरीज के पूर्व की बीमारियों की जानकारी लें, फिर पूरा इलाज करें।

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