NEET : MBBS और BDS की 34 सीटें रह गईं खाली, 20 छात्र अगले साल होने वाली नीट से बाहर
- तमिलनाडु में नीट यूजी स्टेट कोटा काउंसलिंग के चार राउंड के बाद एमबीबीएस और बीडीएस की 34 सीटें खाली रह गई हैं। 20 छात्रों को नीट 2025 की परीक्षा व काउंसलिंग से बाहर कर दिया गया है।
तमिलनाडु में नीट यूजी स्टेट कोटा काउंसलिंग के चार राउंड के बाद एमबीबीएस और बीडीएस की 34 सीटें खाली रह गई हैं। इनमें कुल 8379 एमबीबीएस सीटों में से 6 और कुल 2113 बीडीएस सीटों में से 28 सीटें रिक्त हैं। नीट यूजी स्टेट कोटा स्ट्रे राउंड काउंसलिंग में अलॉट की गई सीटें स्वीकार न करने के चलते 20 छात्रों को नीट 2025 की परीक्षा व काउंसलिंग से बाहर कर दिया गया है। एक अधिकारी ने कहा, 'दूसरे और तीसरे राउंड में जिन दो एमबीबीएस छात्रों को सीटें अलॉट की गई थीं, उनसे करीब 25 लाख रुपये बतौर ट्यूशन फीस और डिस्कंटीन्यूशन फीस देने के लिए कहा गया था। इन्हें दाखिला प्रक्रिया से बाहर नहीं किया गया है। सीट छोड़ने की समयसीमा खत्म होने के बाद मेडिकल कॉलेज छोड़ने के लिए उन्होंने जुर्माना भरा। उम्मीदवार न मिलने के चलते बीडीएस में 12 सीटें किसी को आवंटित नहीं की गईं। पिछले साल की तुलना में इस साल खाली सीटों की तादाद कम हैं। 2023 में छह राउंड की काउंसलिंग के बाद 5 एमबीबीएस सीटें और 120 बीडीएस सीटें खाली रह गई थीं।'
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. जे. संगुमनी ने कहा कि चूंकि एमबीबीएस और बीडीएस कोर्सेज में दाखिले के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा दी गई समय सीमा समाप्त हो गई है इसलिए राज्य इन सीटों पर छात्रों को दाखिला नहीं दे पाएगा।
सेलेक्शन कमिटी के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, 'सीटें खाली न रह जाएं, इसके लिए हमने अधिक कड़े नियम लागू किए और छात्रों से भी बातचीत भी की थी।' राज्य कोटे की सीटें खाली रहने के नुकसान से बचने के लिए राज्य ने उम्मीदवारों को एमबीबीएस काउंसलिंग के लिए 5 लाख रुपये और बीडीएस काउंसलिंग के लिए 2 लाख रुपये की अतिरिक्त सिक्योरिती राशि का भुगतान करने को कहा था। अधिसूचना में कहा गया कि यदि उम्मीदवार फाइनल राउंड में अलॉट की गई सीट जॉइन नहीं करते हैं तो
उन्हें अपनी जमा राशि जब्त करानी होगी। ट्यूशन फीस और डिस्कंटीन्यूशन फीस भी देनी होगी। इसके अलावा उम्मीदवारों को अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए नीट प्रवेश प्रक्रिया में भाग लेने से रोक दिया जाएगा।
हालांकि सभी नियमों को लागू नहीं किया जा सका। अलॉटेड सीटों पर जॉइन न करने वाले सभी उम्मीदवारों को अगले साल दाखिले से रोक दिया गया। समिति सभी उम्मीदवारों से जुर्माना नहीं वसूल सकी। चार एमबीबीएस उम्मीदवारों में से दो और 16 बीडीएस उम्मीदवारों में से 12 ने अनुसूचित श्रेणी के तहत आवेदन किया था। आदि द्रविड़ कल्याण योजना के तहत एससी/एससीए/एससीसी के छात्रों को सिक्योरिटी राशि का भुगतान करने से छूट दी गई है। यह योजना शुल्क निर्धारण समिति की सिफारिशों के आधार पर मैट्रिक के बाद छात्रवृत्ति प्रदान करती है।
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