MBBS : डॉक्यूमेंट वापस पाने के लिए दी 18-18 लाख एक्स्ट्रा फीस, मेडिकल कॉलेज को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
- सर्वोच्च न्यायालय के 9 सितम्बर के आदेश के अनुपालन में छात्रों ने कॉलेज से 7.5 लाख रुपये की कटौती के बाद शेष राशि वापस करने को कहा।
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को उत्तराखंड सरकार और एक मेडिकल कॉलेज समेत अन्य से चार छात्रों की उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें उन्होंने अपने मूल दस्तावेजों को वापस पाने के लिए अतिरिक्त भुगतान की गई लगभग 18-18 लाख रुपये की राशि वापस किये जाने का अनुरोध किया है। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने मेडिकल छात्रों की ओर से पेश वकील तन्वी दुबे की दलीलों पर गौर किया और राज्य सरकार, देहरादून स्थित 'श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज कॉलेज' और श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किये। याचिका जानदीप सिंह, अवंतिका, हीना नंदवानी और रितिका अनेजा ने दायर की है।
याचिका के अनुसार नीट-पीजी काउंसलिंग और नौकरी के मौकों समेत तत्काल कारणों को देखते हुए, छात्रों को अपने प्रमाण पत्र वापस पाने के लिए अखिल भारतीय कोटे के लिए 25.77 लाख रुपये और राज्य कोटे के लिए 17.26 लाख रुपये की पूरी राशि कॉलेज को चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इसमें कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के नौ सितंबर के आदेश के अनुपालन में छात्रों ने कॉलेज से 7.5 लाख रुपये की कटौती के बाद शेष राशि वापस करने को कहा।
याचिका में कहा गया कि हालांकि मेडिकल कॉलेज ने छात्रों को राशि वापस करने से इनकार कर दिया।
उच्चतम न्यायालय ने नौ सितंबर को इसी तरह की स्थिति वाले 91 छात्रों को राहत प्रदान की थी और मेडिकल कॉलेज को 7.5 लाख रुपये का भुगतान करने पर उनके मूल दस्तावेज जारी करने को कहा था।
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