MBBS : भारत से बाहर कम फीस में कहां से कर सकते हैं एमबीबीएस, किस देश को चुनने से करें परहेज
- MBBS from Abroad: भारी भरकम फीस के चलते बहुत से नीट यूजी पास भारतीय छात्र बांग्लादेश, यूक्रेन, रूस जैसे देशों का रुख करते हैं। फिलहाल नेपाल को चुनने से बचना चाहिए।
भारत में हर साल करीब 25 लाख स्टूडेंट्स मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट देते हैं जिसमें से करीब 13 लाख पास हो पाते हैं। लेकिन नीट क्वालिफाई करने वाले इन 13 लाख स्टूडेंट्स के लिए देश में एमबीबीएस की सिर्फ 1.10 लाख सीटें ही हैं। यह स्थिति हर साल देखने को मिलती है। नीट पास विद्यार्थियों में से अच्छी रैंक पाने वालों को ही सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सस्ती एमबीबीएस की सीट मिल पाएगी। देश में एमबीबीएस की बेहद कम सीटें और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की भारी भरकम फीस के चलते डॉक्टर बनने का ख्वाब संजोए हजारों स्टूडेंट्स विदेश से एमबीबीएस करने की ऑप्शन चुनते हैं। बहुत से तो ऐसे होते हैं जिन्हें देश में ही प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस सीट मिल रही होती है लेकिन उसकी भारी भरकम फीस के चलते उन्हें बांग्लादेश, यूक्रेन, रूस जैसे देशों का रुख करना पड़ता है। ये ऐसे देश हैं जहां एमबीबीएस का खर्च भारत के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों से काफी सस्ता पड़ता है। भारत की तुलना में इन देशों में कम नीट मार्क्स से दाखिला लेना संभव है। हालांकि विदेश से एमबीबीएस करने के लिए नीट पास करना अनिवार्य होता है। नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) से पात्रता प्रमाण पत्र भी प्राप्त करना होता है। अगर विद्यार्थी ऐसा नहीं करता है तो वह एफएमजीई परीक्षा नहीं दे सकेगा। विदेश से एमबीबीएस करके आए विद्यार्थियों को भारत में डॉक्टरी का लाइसेंस लेने के लिए एफएमजीई परीक्षा देनी होती है। हालांकि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से एमबीबीएस करने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स को भारत में प्रैक्टिस करने के लिए यह परीक्षा पास करने की जरूरत नहीं है।
यहां देखें ऐसे देशों की लिस्ट जहां आप कम फीस में एमबीबीएस कर सकते हैं
रूस
डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए रूस भारतीय छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय जगह है। रूस में कई विश्वविद्यालय हैं जो एमबीबीएस डिग्री में एडमिशन के लिए नीट क्वालिफाइड (50 पर्सेंटाइल के साथ) स्टूडेंट्स को लेते हैं। आधिकारिक स्टडी इन रशिया वेबसाइट के मुताबिक रूस में डॉक्टरों को ट्रेन करने के लिए करीब 70 यूनिवर्सिटी हैं। रूस के कुछ पॉपुलर एमबीबीएस कॉलेज इस प्रकार हैं- Tver स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी, Stavropol स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी, Volgograd स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी, Smolensk स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी , Kazan स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी व अन्य ।
रूस की बहुत सी यूनिवर्सिटीज में एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी में करवाई जाती हैं। इस वजह से विदेशी छात्र बिना भाषा की चुनौतियों का सामना किए बिना आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं। यहां करीब 25 से 35 लाख में एमबीबीएस किया जा सकता है जिसमें ट्यूशन फीस, हॉस्टल फीस, रहने खाने का खर्च शामिल है।
यूक्रेन
यूक्रेन के मेडिकल कॉलेजों में भी नीट का स्कोर स्वीकार किया जाता है। यूक्रेन के कॉलेजों को NMC, WHO, UNESCO, FAIMER और AMEE जैसे वैश्विक संस्थानों द्वारा मान्यता प्राप्त है। यूक्रेन में MBBS करने की लागत पूरे छह साल के कार्यक्रम के लिए 15 से 20 लाख तक हो सकती है।
यह रही पॉपुलर मेडिकल कॉलेजों की लिस्ट -
- खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी
- विन्नित्सिया नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी
- कीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी
- टर्नोपिल मेडिकल स्टेट यूनिवर्सिटी
- ओडेस्सा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी
चीन
चीन में ऐसी कई यूनिवर्सिटी हैं जो नीट स्कोर स्वीकार करती हैं जैसे अनहुई मेडिकल यूनिवर्सिटी, चाइना मेडिकल यूनिवर्सिटी, डलियन यूनिवर्सिटी, शेनडोंग यूनिवर्सिटी आदि। कुछ यूनिवर्सिटी नीट क्वालिफाइंग मार्क्स मांगती हैं तो कुछ नीट में 200 से 250 के बीच का स्कोर स्वीकार कर लेती हैं। यहां 25 से 40 लाख में एमबीबीएस किया जा सकता है जिसमें ट्यूशन फीस, हॉस्टल फीस, रहने खाने का खर्च शामिल है।
कजाकिस्तान
कजाकिस्तान स्थित विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस डिग्री कोर्स में दाखिले के लिए भारतीय छात्रों का नीट पास होना अनिवार्य है। यहां के कुछ पॉपुलर मेडिकल कॉलेज हैं- करागांडा मेडिकल यूनिवर्सिटी, जेएससी नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी, स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी सेमे, वेस्ट कजाकिस्तान स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी, केसपियन यूनिवर्सिटी इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मेडिसिन व अन्य। यहां करीब 23 से 30 लाख में एमबीबीएस किया जा सकता है जिसमें ट्यूशन फीस, हॉस्टल फीस, रहने खाने का खर्च शामिल है।
बांग्लादेश
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार देश में मेडिकल कॉलेज की लगभग 25 फीसदी सीटें अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए आरक्षित हैं। यह प्रावधान भारतीय छात्रों को पर्याप्त अवसर देता है। इसके अलावा बांग्लादेश में मेडिकल एजुकेशन भारत की तुलना में काफी सस्ती है। भारत में सरकारी मेडिकल कॉलेज आमतौर पर 5,000 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष तक की मामूली फीस लेते हैं। जबकि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज अपनी प्रतिष्ठा और सुविधाओं के आधार पर 12 लाख रुपये से 25 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच फीस वसूलते हैं। इसके उलट बांग्लादेश में एमबीबीएस करने की कुल लागत लगभग 25 लाख रुपये है। सस्ती मेडिकल शिक्षा के चलते डॉक्टर बनना चाह रहे छात्रों के लिए यह आकर्षक विकल्प रहा है।
जर्मनी
यूरोपीय देशों में जर्मनी एमबीबीएस के लिए अच्छा विकल्प है। यह विदेशी मेडिकल छात्रों के लिए सबसे सस्ते देशों में से एक है। जर्मनी में भारतीय छात्रों के लिए एमबीबीएस की ट्यूशन फीस प्रोग्राम और कॉलेज के आधार पर 5 लाख प्रति वर्ष से लेकर 10 लाख प्रति वर्ष तक है।
नेपाल से बचना चाहिए
एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए फिलहाल नेपाल जाने से बचना चाहिए। दरअसल नेपाल के मेडिकल कॉलेज भारत में प्रैक्टिस करने के लिए जरूरी 'फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंस' (FMGL) रेगुलेशन्स, 2021 के मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं। 2021 के बाद नेपाल में MBBS की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया है या फिर जो वहां पढ़ने जा रहे हैं, उनके लिए अभी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है।
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