MBBS के पदों पर भी पीजी करने वाले डॉक्टरों को मिलेगी वरीयता, भर्ती नियमों में होंगे बदलाव
- उत्तराखंड में मेडिकल अफसर भर्ती में MBBS डॉक्टरों की बजाय पीजी डॉक्टरों को वरीयता देने की तैयारी है। राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए व्यवस्था बन रही है।
उत्तराखंड में मेडिकल अफसर के पदों पर भर्ती के दौरान विशेषज्ञ डॉक्टरों को वरीयता दी जाएगी। राज्य में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए यह व्यवस्था बनाई जा रही है। दरअसल राज्य में हर साल एमबीबीएस डॉक्टर बड़ी संख्या में तैयार हो रहे हैं और अब सरकारी अस्पतालों में इनके पद तकरीबन भर गए हैं। ऐसे में मेडिकल अफसर के पदों पर भविष्य में होने वाली भर्तियों के लिए नियमों में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। इसके तहत मेडिकल अफसर के पद पर एमबीबीएस की बजाए पीजी कर चुके डॉक्टर को वरीयता मिलेगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मेडिकल अफसर की भर्ती के लिए ग्रेड पे का मानक तो नहीं बदला जाएगा। लेकिन साक्षात्कार के दौरान उन युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी जिन्होंने पीजी किया हो और फिलहाल एमबीबीएस के पद पर भर्ती के लिए तैयार हों।
इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड में पीजी डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। इसके तहत पीजी की सीट बढ़ाने के साथ ही मेडिकल अफसर के पदों पर भी पीजी डॉक्टरों को वरीयता देने की योजना है। उन्होंने कहा कि आने वाले एक दो सालों में उत्तराखंड के पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) के सभी पदों को भरने का लक्ष्य रखा गया है।
पीजी डॉक्टरों के 40 फीसदी पद खाली
राज्य में मेडिकल अफसरों के तकरीबन सभी पद भर चुके हैं। लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों के तकरीबन 40 फीसदी पद खाली है। सरकार का फोकस अब इन पदों को भरने का है। इसके लिए वेतन बढ़ोत्तरी के साथ ही मेडिकल कॉलेजों में अधिक से अधिक संख्या में पीजी की सीटें बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।
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