MBBS, BDS: Bihar में एमबीबीएस में दाखिला न होने से सत्र दो महीने पीछे, राज्य कोटे के लिए नए सिरे से आवेदन शुरू
MBBS, BDS:राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और डेंटल में अब तक पहले राउंड का नामांकन नहीं हो सका है। पहले राउंड का नामांकन लिया गया पर गलत रोस्टर प्रक्रिया की वजह से इसे रद्द करना पड़ा। फिर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई है।
पटना, वरीय संवाददाता। राज्य के मेडिकल कॉलेजों का सत्र एकबार फिर से विलंब होना तय है। अब नए सत्र की शुरुआत अक्टूबर में दुर्गा पूजा के बाद ही संभव है। करीब दो माह सत्र विलंब होगा। अगस्त में नए सत्र की शुरुआत होनी थी। इसबार एमबीबीएस नामांकन शुरू से विवादों में रहा है। नीट रिजल्ट को लेकर पहले काफी हंगामा हुआ।
केन्द्रीय कोटे के तहत 15 प्रतिशत सीटों के लिए होने वाला नामांकन भी विलंब से शुरू हुआ। नामांकन की प्रक्रिया अभी चल ही रही थी कि राज्य के 85 प्रतिशत कोटे के तहत पहले चरण के दाखिले को रद्द कर दिया गया। इस वजह से और विलंब होना तय है।
ईबीसी व एसएसी के कटऑफ में होगा बदलाव अब नए आरक्षण रोस्टर की वजह से एमबीबीएस और डेंटल दोनों के कटऑफ बदलाव होगा। अन्य कोटे में ज्यादा बदलाव की संभावना नहीं है। तांती समाज के 30 छात्र जिनका नामांकन एसएसी कोटे में हो गया था। अब सीधे इनका नामांकन ईबीसी कोटे में होगा। इसमें कई छात्रों का अंकों के आधार पर नामांकन होगा या नहीं। ये भी कहना मुश्किल है। इसबार सबसे ज्यादा फेरबदल ईबीसी कोटे में होगा। पहले राउंड में लगभग सीटों को एलॉट कर दिया गया था। बिहार में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 1321 सीटें हैं, इसमें डेंटल के 115 है। वहीं निजी मेडिकल कॉलेजों में 1350 सीटें हैं। अब पुन अभ्यर्थियों को विकल्प बदलने के लिए विंडो 24 से 25 सितंबर तक खुला रहेगा। पहले राउंड के तहत सीट आवंटन रिजल्ट 27 सितंबर को जारी किया जाएगा।
राउंड एक के तहत नामांकन व प्रमाण पत्रों का सत्यापन 28 से 30 सितंबर तक होगा। संशोधित मेधासूची पर्षद की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी गई है। अभ्यर्थी संशोधित रैंक कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। बीसीईसीई के ओएसडी अनिल कुमार ने बताया कि गलत आरक्षण रोस्टर की वजह से नामांकन रद्द करना पड़ा। अब सत्र में थोड़ा विलंब होगा।
राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और डेंटल में अब तक पहले राउंड का नामांकन नहीं हो सका है। पहले राउंड का नामांकन लिया गया पर गलत रोस्टर प्रक्रिया की वजह से इसे रद्द करना पड़ा। फिर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई है। हालांकि, पड़ोसी राज्य झारखंड में पहले राउंड का नामांकन हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तांती/ ततवा जाति को एससी से हटाकर अत्यंत पिछड़ा वर्ग में शामिल कर गया दिया है। नामांकन शुरू होने के पहले स्थिति स्पष्ट नहीं होने की वजह से बीसीईसीई की ओर पूर्व के आरक्षण रोस्टर पर ही नामांकन कर लिया गया। इसमें 30 ऐसे छात्र थे जिनका नामांकन ईबीसी कोटे में होना चाहिए था, इनका नामांकन एससी कोटे में कर लिया गया।
गया मेडिकल कॉलेज में नामांकित एक छात्र के पिता के टाइटल से यह गड़बड़ी पकड़ में आयी। इसके बाद कई आयोग से बीसीईसीई को पत्र प्राप्त हुआ। इसके बाद ही बीसीईसीई ने पहले राउंड की नामांकन प्रक्रिया को रद्द कर दिया।
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