MBBS BDS admission: पंजाब हाई कोर्ट के आदेश के बाद BFHSU ने जारी की नई NRI कोटा मेरिट लिस्ट
इस नई मेरिट लिस्ट के अनुसार 66 उम्मीदवारों को एनआरआई कोटे के तहत एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन के लिए सीट अलॉट हुई हैं। इनमें 32 स्टूडेंट्स ऐसे हैं जो किसी एनआरआई के बच्चे हैं, जबकि 34 एनआरआई या एनआरआई के बच्चे हैं, जो मूल रूप से पंजाब के अलावा किसी दूसरे भारतीय राज्य से हैं।
एमबीबीएस कोर्सेज में एडमिशन के लिए एनआरआई के निकटतम रिश्तेदार को कोटे के तहत विचार करने की अनुमति देने की शर्तों में संशोधन करने वाले राज्य सरकार के नोटिफिकेशन को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। अब इसके बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज ने एक नई मेरिट सूची जारी की है, जिसमें 45 फीसदी से अधिक उम्मीदवारों को हटा दिया गया है। इस नई मेरिट लिस्ट के अनुसार 66 उम्मीदवारों को एनआरआई कोटे के तहत एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन के लिए सीट अलॉट हुई हैं। इनमें 32 स्टूडेंट्स ऐसे हैं जो किसी एनआरआई के बच्चे हैं, जबकि 34 एनआरआई या एनआरआई के बच्चे हैं, जो मूल रूप से पंजाब के अलावा किसी दूसरे भारतीय राज्य से हैं।
आपको बता दें कि एमबीबीएस में एनआरआई कोटा सीटें और बीडीएस में क्रमशः 196 सीटें हैं। काउंसलिंग के पहले दौर के दौरान, बीएफयूएचएस ने संशोधित प्रावधानों का पालन करते हुए 120 उम्मीदवारों को एनआरआई कोटा एमबीबीएस सीटें अलॉट कीं गई थी। 66 एनआरआई को अलॉट किए गए थे, और 54 कोटा के तहत एनआरआई के रिश्तेदारों को अलॉट किए गए थे। अब हाई कोर्ट के आदेश के बाद एनआरआई द्वारा प्रायोजित 54 उम्मीदवारों के नाम बीएफयूएचएस ने वापस ले लिए हैं।
पंजाब हाई कोर्ट द्वारा राज्य सरकार के रद्द किए गए नोटिफिकेशन में लिखा था कि एनआरआई या उनके बच्चे जो मूल रूप से पंजाब राज्य के हैं और वास्तविक एनआरआई या उनके बच्चे जो मूल रूप से पंजाब के अलावा किसी भारतीय राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के हैं, एनआरआई कोटा सीटों के लिए योग्य हैं। अगर इनके न होने के बाद एनआरआई की सीटें खाली रह जाती हैं, तो जो उम्मीदवार एनआरआई के वार्ड या निकटतम रिश्तेदार हैं, उन्हें भी एनआरआई कोटा सीटों के तहत माना जाएगा।
सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीट की फीस 92.3 लाख रुपए है, जबकि बीडीएस सीट की फीस 37 लाख रुपए) है। पंजाब में निजी और सरकारी संस्थानों में कुल सीटों में से 15% सीटें एनआरआई उम्मीदवारों के लिए निर्धारित हैं। हालांकि, योग्य उम्मीदवारों की अनुपस्थिति में इन सीटों का एक बड़ा हिस्सा हर साल खाली रह जाता है। एनआरआई कोटे के तहत खाली सीटों को दो राउंड की काउंसलिंग के बाद सामान्य कोटा सीटों में बदल दिया जाता है।
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