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जेएसएससी: शिक्षक नियुक्ति परीक्षा की मेरिट लिस्ट पर जवाब देने का निर्देश

शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (वर्ष 2016) की मेरिट लिस्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए अदालत ने सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान, रांची, विशेष संवाददाताFri, 22 Nov 2024 08:59 AM
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शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (वर्ष 2016) की मेरिट लिस्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए अदालत ने सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मीना कुमारी एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने सरकार को 28 नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। गुरुवार को अदालत ने प्रार्थी, झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग और सरकार का पक्ष सुना। सरकार ने कोर्ट से कुछ बिंदुओं पर जवाब देने का समय लिया।

सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कई सफल अभ्यर्थी जिनका अंक उनसे कम है, उनकी भी नियुक्ति की गई है। इसका विरोध करते हुए जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल एवं प्रिंस कुमार ने कोर्ट को बताया कि प्रार्थियों का यह कथन गलत है कि प्रार्थी का प्राप्तांक राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट में अंतिम चयनित अभ्यर्थी से कम है।

कम नंबर पर नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के तहत संरक्षित: जेएसएससी के अधिवक्ता ने कहा कि प्रार्थी अपनी दलील सही ठहराने के लिए वैसे लोगों के उदाहरण दे रहे हैं, जिनकी नियुक्ति जिला स्तरीय मेरिट लिस्ट के आधार पर हुई थी, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत प्रोटेक्टेड थे। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सत्यजीत कुमार के मामले में दिए गए आदेश के आलोक में जेएसएससी ने राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट के तहत नियुक्ति की अनुशंसा की है। नियुक्ति की अनुशंसा में किसी तरह की खामी नहीं है। प्रार्थियों ने कोई स्पष्ट तथ्य नहीं लाया, जिससे साबित हो कि उनकी नियुक्ति की अनुशंसा नहीं किया जाना गलत है।

3000 पद रिक्त, क्योंकि योग्य उम्मीदवार नहीं मिले

सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को मौखिक बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में कर्मचारी चयन आयोग ने रिजल्ट जारी किया है। 3000 पद रिक्त हैं, क्योंकि उन पर योग्य उम्मीदवार नहीं मिल सका है। इसलिए, कर्मचारी चयन आयोग ने 3000 पद को सरेंडर कर दिया है। अदालत में राज्य सरकार को अपनी बातों को शपथ पत्र के माध्यम से अदालत की समक्ष रखने का निर्देश दिया। पूर्व में मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जेएसएससी और सरकार से नियुक्ति का ब्योरा मांगा था। जेएसएससी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिन चार हजार अभ्यर्थियों की नियुक्ति की गई है, उनके श्रेणी, कट ऑफ मार्क्स, अनुशंसा और नियुक्ति की तिथि सीलबंद लिफाफे में पेश करने का निर्देश दिया था।

कोर्ट में किसने क्या दलील दी

● प्रार्थी: कई सफल अभ्यर्थी जिनका अंक उनसे कम है, उनकी भी नियुक्ति की गई है। अगर हाई स्कूल शिक्षकों की रिक्तियां बची हैं तो उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए।

● जेएसएससी : नियुक्ति की अनुशंसा में किसी तरह की खामी नहीं है। प्रार्थियों ने कोई स्पष्ट तथ्य नहीं लाया, जिससे साबित हो कि उनकी नियुक्ति की अनुशंसा नहीं किया जाना गलत है।

मीना कुमारी एवं अन्य ने याचिका दाखिल कर स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2016 की स्टेट मेरिट लिस्ट पर आपत्ति जताई है। प्रार्थियों का दावा है कि उनसे कम अंक पाने वाले को नियुक्ति प्रदान की गई है। वर्ष 2016 में जो हाई स्कूल शिक्षक की नियुक्ति का विज्ञापन निकला था। उसके आलोक में उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए। अगर हाई स्कूल शिक्षकों की रिक्तियां बची हैं तो उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए।

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