JSSC CGL exam :सीजीएल मामले में सरकार और जेएसएससी को नोटिस
JSSC in CGL case झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को जेएसएससी संयुक्त स्नातक स्तरीय (जेएसएससी-सीजीएल) परीक्षा मामले में सुनवाई हुई। सीबीआई या न्यायिक जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने याचिका स्वीकार कर ली।
झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को जेएसएससी संयुक्त स्नातक स्तरीय (जेएसएससी-सीजीएल) परीक्षा मामले में सुनवाई हुई। सीबीआई या न्यायिक जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने याचिका स्वीकार कर ली। साथ ही प्रतिवादी राज्य सरकार और जेएसएससी को नोटिस जारी कर आरोपों पर जवाब मांगा। मामले की अगली सुनवाई तीन दिसंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान वादी की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ को बताया कि झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 (जेएसएससी सीजीएल परीक्षा 2023) 28 जनवरी 2024 को हुई थी। इस परीक्षा में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल हुए थे। तब छात्रों ने प्रश्नपत्र लीक को लेकर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया था। इसके बाद एसआईटी का गठन किया गया था। उसी प्रकार 21 और 22 सितंबर 2024 की परीक्षा को लेकर भी छात्रों ने पेपर लीक का आरोप लगाया। राजेश प्रसाद ने इस संबंध में संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए ऑनलाइन कंप्लेंट दर्ज की है, उसपर भी कोई कार्रवाई नहीं करना संदेह उत्पन्न कर रहा है।
जबकि बड़ी संख्या में परीक्षार्थी आंदोलित हैं। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद प्रतिवादी राज्य सरकार और जेएसएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।
क्या है याचिका में :-
बता दें कि हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दलील दी गई है कि राज्य पुलिस द्वारा गठित विशेष दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही जांच पारदर्शी नहीं रही है, क्योंकि जांच के निष्कर्ष अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया है कि सीबीआई या न्यायिक जांच के माध्यम से अधिक गहन जांच कराई जाए। दरअसल, राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में 2,025 पदों को भरने के लिए आयोजित जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में 6,50,000 से अधिक आवेदक शामिल हुए थे।
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