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JEE 2025: जेईई मेन्स और एडवांस 2025 का एग्जाम शेड्यूल, कैसे की जाएगी जेईई परीक्षा में रैंकिंग?

  • JEE 2025 Exam Schedule: जेईई मेन्स और एडवांस 2025 का एग्जाम शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही इस बार जेईई 2025 में छात्रों की रैंकिंग करने के लिए नए टाई ब्रेकिंग नियम को लागू किया गया है। जेईई एग्जाम से पहले जानिए, परीक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।

Prachi लाइव हिन्दुस्तानMon, 9 Dec 2024 12:45 PM
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jee 2025 exam date: जेईई मेन्स परीक्षा 2025 के लिए आवेदन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। जेईई मेन्स और एडवांस 2025 का एग्जाम शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है। जेईई मेन्स 2025 का आयोजन जनवरी 2025 में किया जाएगा। इसके साथ ही इस बार जेईई 2025 में छात्रों की रैंकिंग करने के लिए नए टाई ब्रेकिंग नियम को लागू किया गया है। जेईई एग्जाम से पहले जानिए, परीक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।

जेईई (मेन्स), 2025 परीक्षा-

जेईई (मेन्स), 2025 परीक्षा का आयोजन कुल 13 भाषाओं- इंग्लिश, हिन्दी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू।

जेईई 2025 मेन्स परीक्षा का आयोजन दो सत्रों में किया जाएगा। पहले सत्र का आयोजन 22 से 31 जनवरी 2025 तक किया जाएगा। दूसरे सत्र का आयोजन 1 अप्रैल 2025 से 8 अप्रैल 2025 तक किया जाएगा।

जेईई (मेन्स), 2025 परीक्षा का आयोजन दो शिफ्ट में किया जाएगा। पहली शिफ्ट का समय सुबह 9 बजे से 12 बजे तक और दूसरी शिफ्ट का समय दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक होगा।

जेईई (मेन्स), 2025 सत्र 1 परीक्षा की जानकारी-

सत्र 1 में पेपर 1, पेपर 2A और पेपर 2B का आयोजन किया जाएगा। पेपर 1 बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (B.E.) और बी.टेक के लिए सीबीटी माध्यम से आयोजित होगा। जिसका आयोजन दो शिफ्ट में होगा। पहली शिफ्ट का समय सुबह 9 बजे से 12 बजे तक और दूसरी शिफ्ट का समय दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक होगा।

पेपर 2A में बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (B.Arch.) परीक्षा का आयोजन होगा, जिसमें पार्ट-3 के अलावा परीक्षा का आयोजन सीबीटी माध्यम से होगा। परीक्षा के लिए दो शिफ्ट आयोजित होंगी। पहली शिफ्ट का समय सुबह 9 बजे से 12 बजे तक और दूसरी शिफ्ट का समय दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक होगा।

पेपर 2B में बैचलर ऑफ प्लानिंग (B.Planning) कोर्स में एडमिशन के लिए होगा। परीक्षा का आयोजन सीबीटी माध्यम से होगा। परीक्षा का आयोजन एक ही शिफ्ट में दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक होगा।

जेईई (एडवांस) 2025 -

जेईई (एडवांस) 2025 परीक्षा 18 मई, 2025 को आयोजित की जाएगी। परीक्षा दो सत्रों में तीन घंटे के लिए आयोजित की जाएगी-पेपर 1 सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक और पेपर 2 दोपहर 2.30 बजे से शाम 5:30 बजे तक आयोजित किया जाएगा।दोनों पेपरों में उपस्थित होना अनिवार्य है।

भारतीय नागरिकों के लिए, जेईई एडवांस के लिए पांच योग्यता मानदंड हैं-जेईई मेन्स 2025 में प्रदर्शन, आयु सीमा, प्रयासों की संख्या, कक्षा 12 की परीक्षा में उपस्थिति और आईआईटी में पहले एडमिशन। इसके अलावा, हाल ही में संयुक्त प्रवेश बोर्ड (जेएबी) ने जेईई एडवांस्ड के लिए पहले के योग्यता मानदंड को दोबारा से लागू करने का फैसला किया, जिससे उम्मीदवारों को केवल दो बार परीक्षा देने की अनुमति मिली है।

जेईई एडवांस 2025 परीक्षा कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) मोड में आयोजित की जाती है। एक छात्र लगातार दो वर्षों में अधिकतम दो बार ही यह परीक्षा दे सकता है। जेईई एडवांस पात्रता मानदंड के अनुसार, जेईई मेन्स 2025 परीक्षा में सफल होने वाले और बीई, बी.टेक पेपर में टॉप 2,50,000 में शामिल छात्रों को ही, जेईई एडवांस 2025 परीक्षा में शामिल होने और आवेदन करने के पात्र होंगे।

कैसे की जाएगी जेईई परीक्षा में रैंकिंग-

इस बार जेईई परीक्षा में कई नए बदलाव किए गए हैं और इस बार रैंकिंग नया टाई ब्रेकिंग नियम को उपयोग किया जाएगा।

जारी किए गए दिशा-निर्देश के अनुसार, अब उम्मीदवारों को उनकी रैंक देते समय, उनकी आयु पर विचार नहीं किया जाएगा। अब से रैंकिंग देते समय जेईई परीक्षा में छात्रों की परफॉर्मेंस को ध्यान में रखा जाएगा और उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर रैंकिंग दी जाएगी।

यदि दो छात्रों का प्रदर्शन एक समान है तो उन्हें जेईई मेन्स परीक्षा में समान रैंकिंग दी जाएगी। जिन दो छात्रों के अंक एक जैसे होंगे, उस स्थिति में गणित विषय में ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले छात्र को उच्च रैंक दी जाएगी। यदि मान लीजिए, गणित विषय में दोनों छात्रों के अंक एक समान है तो फिर फिजिक्स के अंकों को देखा जाएगा और यदि फिजिक्स विषय में भी दोनों छात्रों के अंक एक समान है तो फिर कैमिस्ट्री के अंकों की तुलना की जाएगी।

यदि सभी विषयों में दोनों छात्रों के अंक एक समान है तो जेईई परीक्षा में सभी विषयों में सही उत्तरों के लिए किए गए गलत उत्तरों के प्रयास का अनुपात कम होगा। सबसे पहले गणित में सही उत्तरों के लिए किए गए गलत उत्तरों के प्रयास का अनुपात कम होगा और इसके बाद फिजिक्स और कैमिस्ट्री का सही उत्तरों के लिए किए गए गलत उत्तरों के प्रयास का अनुपात कम होगा।

यदि इसके बाद भी छात्रों के अंकों में एक समानता बनी रही तो छात्रों को एक समान रैंक दी जाएगी।

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