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क्या भारतीय मूल के अंकुर शिव भंडारी बनेंगे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नए चांसलर? इमरान खान का नाम लिस्ट से बाहर

  • भारतीय मूल के मेयर अंकुर शिव भंडारी यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के चांसलर पद की दौड़ में आगे चल रहे हैं।

Prachi लाइव हिन्दुस्तानThu, 17 Oct 2024 06:17 PM
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यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में चांसलर पद के लिए चुनावी प्रक्रिया चल रही है। यूनिवर्सिटी ने 38 फाइनलिस्ट कैंडिडेट की लिस्ट को जारी किया है। इनमें से जिस एक नाम ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है, वह है अंकुर शिव भंडारी। अंकुर शिव भंडारी भारतीय मूल के हैं। वे बर्कशायर में ब्रैकनेल वन के पहले भारतीय मूल के मेयर हैं। इसके अलावा इंटरनेशनल एंटरप्रेन्योर प्रोफेसर निर्पाल सिंह पॉल भंगाल और चिकित्सा विशेषज्ञ प्रतीक तारवाड़ी भी लिस्ट में शामिल हैं।

अंकुर शिव भंडारी, जो चांसलर की दौड़ में आगे चल रहे हैं, उनका जन्म हरियाणा के फरीदाबाद में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट एंथनी सेकेंडरी स्कूल और डीएवी पब्लिक स्कूल, सेक्टर-14, फरीदाबाद से प्राप्त की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज (अब शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज) से बिजनेस स्टडीज में ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की है। इसके बाद वे वर्ष 2001 में एमबीए की पढ़ाई करने के लिए यूनाइटेड किंगडम चले गए और डेमोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी के लीसेस्टर बिजनेस स्कूल में अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने शिक्षण में पोस्टग्रेजुएट की पढ़ाई भी की और उनके पास लॉ में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री भी है।

यूनिवर्सिटी ऑ ऑक्सफोर्ड ने बहुत सारे बड़े नामों को चांसलर पद की दौड़ से बाहर भी किया है इसमें पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और क्रिकेटर इमरान खान का नाम भी शामिल है। उनके अलावा कंजर्वेटिव पार्टी के पूर्व नेता लॉर्ड विलियम हेग और पूर्व लेबर राजनेता लॉर्ड पीटर मंडेलसन चुने गए वरिष्ठ राजनेताओं में शामिल हैं, जिन्हें चयन प्रक्रिया के बाद अयोग्य माना गया है।

चांसलर का पद बहुत सम्मानजनक है। लॉर्ड पैटन, जिन्होंने 21 वर्षों तक भूमिका निभाई है, ट्रिनिटी कार्यकाल 2024 के अंत में रिटायर्ड होने के लिए तैयार हैं। उनके उत्तराधिकारी का चयन यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों और ग्रेजुएट्स द्वारा ऑनलाइन वोट के माध्यम से किया जाएगा। नए चांसलर का चयन न केवल ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की परंपराओं का हिस्सा है, बल्कि इस प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट के शैक्षणिक और वैश्विक भविष्य को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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