IIT : आईआईटी छात्रों की स्कॉलरशिप हड़पी, महिला कर्मी ने किया 25 लाख रुपये का गबन
- महिला कर्मी ने अपने और अपने परिजनों के निजी खातों में IIT छात्रों के स्कॉलरशिप की रकम ट्रांसफर कराई जिसकी कीमत करीब 25 लाख 62 हजार 361 रुपये थी।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में लाखों रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पुलिस ने संस्थान के कुलसचिव की तहरीर पर महिला कर्मी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। रुड़की कोतवाली को कुलसचिव प्रशांत गर्ग ने तहरीर देकर बताया कि एससीएसपी प्रकोष्ठ में फ्रॉड की आशंका थी। जिसके बाद सीनेट कमेटी ने स्कॉलरशिप एंड प्राइसेस में जांच के लिए एक कमेटी समिति गठित की थी। प्राथमिक जांच पड़ताल में पता चला कि 23 मई 2023 से 5 अक्टूबर 2023 तक कुछ छात्रों को संस्थान के अधिकृत प्रकोष्ठ की ऑफिशियल ईमेल से छात्रों को मैसेज भेजे गए थे। जिसमें छात्रों को बताया गया था कि सरकार और मंत्रालय से मिलने वाली राष्ट्रीय स्कॉलरशिप के नॉन रिफंडेबल अमाउंट को वापस किया जाए। जिसके बाद ईमेल में अमाउंट को वापस करने के लिए बैंक खाता दिए गए जो की बिल्कुल निजी थे।
परत दर परत पता चला कि संस्था की प्रोजेक्ट में काम कर रही महिला कर्मी सीमा शुक्ला निवासी गोकुलधाम कॉलोनी नियर शिव मंदिर सोलानीपुरम रुड़की कोतवाली ने अपने और अपने परिजनों के निजी खातों में छात्रों के स्कॉलरशिप की रकम ट्रांसफर कराई थी। जिसकी कीमत करीब 25 लाख 62 हजार 361 रुपये थी। इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि सीमा शुक्ला निवासी गोकुलधाम कॉलोनी रुड़की के खिलाफ गबन का मुकदमा किया गया।
संस्थान में साढ़े चार साल पहले भी हो चुका है गबन
रुड़की कोतवाली को आईआईटी के तत्कालिन रजिस्टर प्रशांत गर्ग ने करीब साढ़े चार साल पूर्व बताया था कि एसआरआईसी कार्यालय में वरिष्ठ सहायक धीरज उपाध्याय निवासी गांव भंगेड़ी महावतपुर ने 18 जून 2020 को अपने निजी बैंक खातों में संस्थान का करीब 1 करोड़ 5 लाख रुपये जमा करा लिए थे। जिसके बाद उन्हें उन्हें संस्थान की सेवाओं से हटा दिया गया था। मुकदमा पंजीकृत होने के बाद अक्तूबर 2021 में आरोपी कर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन कुछ समय बाद आरोपी कर्मी की जेल में मौत हो गई थी।
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