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मजदूर-सब्जी वाले के बेटों का आईआईटी-ट्रिपलआईटी में एडमिशन

प्रतिभा किसी संसाधन या सुविधा की मोहताज नहीं होती। यह बात साबित की है एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज के ऐसे दो होनहारों ने जिनके पास न तो महंगी किताबें थीं और न ही कोचिंग की ऊंची फीस चुकाने के रुपये।

Anuradha Pandey हिन्दुस्तान टीम, प्रयागराजTue, 20 Aug 2024 06:46 AM
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प्रतिभा किसी संसाधन या सुविधा की मोहताज नहीं होती। यह बात साबित की है एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज के ऐसे दो होनहारों ने जिनके पास न तो महंगी किताबें थीं और न ही कोचिंग की ऊंची फीस चुकाने के रुपये।

इसके बावजूद इन दोनों मेधावियों ने बिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी(स्वाध्याय) के दम पर नामी इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिला लिया है। इनमें से एक छात्र के पिता सब्जी बेचते हैं तो दूसरे के माता-पिता मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते हैं।

● एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज के दो गरीब छात्रों ने लहराया सफलता का परचम

● सेल्फ स्टडी के दम पर प्रतिष्ठित संस्थानों में हुआ चयन, हासिल करेंगे उच्च शिक्षा

वर्ष 2023 में 93 प्रतिशत अंकों के साथ एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज से यूपी बोर्ड की परीक्षा पास करने वाले प्रशांत कुमार को जेईई एडवांस्ड के जरिए आईआईटी पटना में मैथमेटिक्स व कंप्यूटिंग ब्रांच में बीटेक में 29 जुलाई को दाखिला मिला है। प्रशांत के पिता कल्लू राम फेरी लगाकर घर-घर सब्जी बेचते हैं। मां प्रेमा देवी गृहिणी हैं।

प्रशांत के माता-पिता गरीब भले ही हैं लेकिन शिक्षा की अहमियत वह अच्छे से समझते हैं और इसी लिए अपने चारों बच्चों को पढ़ाया। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे प्रशांत के पिता मूलरूप से बांदा के रहने वाले हैं। पहले रामबाग में रहते थे और अब नैनी में रहने लगे हैं। प्रशांत के सबसे बड़े भाई अनुज कुमार प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं जबकि दूसरे नंबर के अखिलेश कुमार का 2019 में पीएसी में कांस्टेबल के पद पर चयन हो चुका है। तीसरे नंबर की बहन नेहा एमए कर रही है और घर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती है।

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