Hindi Newsकरियर न्यूज़Gandhi Jayanti Speech In Hindi : easy and short speech on gandhi jayanti 2 October gandhi quotes essay

Gandhi Jayanti Speech In Hindi : 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर छोटा और आसान भाषण

  • Gandhi Jayanti Speech In Hindi : 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन स्कूलों में भाषण प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होता है। अगर आप गांधी जयंती के अवसर पर भाषण देने की योजना बना रहे हैं तो यहां से उदाहरण हे सकते हैं।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 28 Sep 2024 06:24 PM
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Gandhi Jayanti Speech In Hindi , Essay : 2 अक्टूबर का दिन हर साल भारत में गांधी जयंती के रूप में और विश्व में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और राजनीतिक इतिहास के महानायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आजादी में योगदान को देश कभी नहीं भुला सकता। सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों के दम पर भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में अहम रोल निभाने वाले गांधीजी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। बापू के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।

हर साल गांधी जयंती के अवसर पर पूरे देश में हर इलाके में स्वच्छता अभियान चलाए जाते हैं। आम लोग भी बढ़चढ़ कर अपने आस-पड़ोस की सफाई करते हैं। इसके अलावा गांधी जयंती के दिन स्कूल, कॉलेजों में वाद-विवाद और भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन होता है। स्कूलों और कॉलेजों में भाषण व निबंध लेखन प्रतियोगिताएं हो रही हैं। अगर आप गांधी जयंती के अवसर पर भाषण देने या निबंध लिखने ( Gandhi Jayanti Essay ) की योजना बना रहे हैं तो यहां से उदाहरण हे सकते हैं-

Gandhi Jayanti Speech In Hindi : गांधी जयंती पर दे सकते हैं यह भाषण

आदरणीय प्रिंसिपल सर, शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों... 

आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी। ऐसे जिएं कि जैसे आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है । उस बदलाव का हिस्सा बनें जिसे आप दुनिया में देखना चाहते हैं। साथियों ये प्रेरणादायी लाइनें हैं उस महान शख्सियत की जिसने अपने सत्य और अहिंसा के अचूक हथियाओं से हिंदुस्तान पर 200 सालों से राज कर रही ब्रिटिश हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। आज 2 अक्टूबर है और न सिर्फ पूरा हिन्दुस्तान, बल्कि पूरा विश्व पूज्य महात्मा गांधी को उनकी जयंती पर नमन कर रहा है और उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दे रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। आगे चलकर लोगों के बीच वह बापू के नाम से पुकारे जाने लगे। बापू ने देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने में सबसे अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांत के दम पर अंग्रेजों को कई बार घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। उनके अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया ने सलाम किया, यही वजह है कि पूरा विश्व आज का दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर भी मनाता है। महात्मा गांधी के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व का मार्गदर्शन करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे।

महात्मा गांधी की महानता, उनके कार्यों व विचारों के कारण ही 2 अक्टूबर को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह राष्ट्रीय पर्व का दर्जा दिया गया है।  गांधी जी इस बात में विश्वास रखते थे कि हिंसा के रास्ते पर चलकर आप कभी भी अपने अधिकार नहीं पा सकते। उन्होंने विरोध करने के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया। 

महात्मा गांधी ने लंदन में कानून की पढ़ाई की थी। लंदन से बैरिस्टर की डिग्री हासिल कर उन्होंने बड़ा अफसर या वकील बनना उचित नहीं समझा, बल्कि अपना पूरा जीवन देश के नाम समर्पित कर दिया। अपने जीवन में उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन किए। वह हमेशा लोगों को अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ते रहे। चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी सत्याग्रह, दलित आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन उनके कुछ प्रमुख आंदोलन ने जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव कमजोर करने में बड़ा रोल अदा किया।

गांधीजी ने भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराइयों के प्रति लगातार आवाज उठाई। वो चाहते थे कि ऐसा समाज बने जिसमें सभी लोगों को बराबरी का दर्जा हासिल हो क्योंकि सभी को एक ही ईश्वर ने बनाया है। उनमें भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। नारी सशक्तीकरण के लिए भी वह हमेशा प्रयासरत रहे।  उन्होंने लाखों भारतीयों और दुनिया भर के लोगों को अहिंसा से अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया।

साथियों! गांधीजी को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम उनके बताए शांति, अहिंसा, सत्य, समानता, महिलाओं के प्रति सम्मान जैसे आदर्शों पर चलेंगे। 

गांधी जी के असाधारण व्यक्तित्व व साधनापूर्ण जीवन ने विश्व को शांति, अहिंसा और सद्भाव का मार्ग दिखाया। स्वदेशी के उपयोग को बढ़ाने के उनके सपने को पूर्ण करने के लिए आज पूरा देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ स्वदेशी को अपना रहा है। आज के दिन हमें उनके विचारों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए। सरकार के स्वच्छता अभियान से जुड़ना चाहिए। अपने आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ रखने और खादी से बनी चीजों का खरीने का संकल्प लेना चाहिए।

धन्यवाद। 

जय हिन्द!

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