CUET UG changes: सीयूईटी कम्प्यूटर से परीक्षा ठीक नहीं, सर्वर करेगा समस्या, जानें क्या बोले एक्सपर्ट
CUET UG changes:2025 में मुख्य विषयों की परीक्षा ऑफलाइन न होकर सीबीटी(कम्प्यूटर आधारित परीक्षा) होगी। पिछले वर्ष इसे हाईब्रिड मोड पर किया गया था। इन बदलावों को सीयूईटी विशेषज्ञ छात्रों के नुकसान के रूप में देख रहे हैं।
कॉमन यूनिवसिर्टी एन्ट्रेस टेस्ट (सीयईटी) यूजी 2025 में कई बदलाव किए गए हैं। जिसमें बड़ा बदलाव है कि पिछले वर्ष की तरह साल 2025 में मुख्य विषयों की परीक्षा ऑफलाइन न होकर सीबीटी(कम्प्यूटर आधारित परीक्षा) होगी। पिछले वर्ष इसे हाईब्रिड मोड पर किया गया था। इन बदलावों को सीयूईटी विशेषज्ञ छात्रों के नुकसान के रूप में देख रहे हैं।
प्रेप गुरु को-फाउण्डर और सीयूईटी विशेषज्ञ रोमा बच्चनी ने कहा कि सीयूईटी 2025 पूर्ण रूप से सीबीटी मोड पर कराना विद्यार्थियों के लिए नुकसानदायक है। उन्होंने कहा कि सभी प्रश्न अनिवार्य करने से सवालों की वेरायटी कम होगी। छात्रों के पास विकल्प नहीं बचेगा। सर्वर की दिक्कतें आएंगी। जैसा कि वर्ष 2022 में आ चुकी है। परीक्षा केंद्र दूर-दूर बनाए जाने की संभावना है क्योंकि ज्यादातर शैक्षिक संस्थानों में इतने कंप्यूटर उपलब्ध नहीं होंगे।
यूपी बोर्ड के तमाम छात्रों को कंप्यूटर चलाने में दिक्कत होती है। परीक्षा का समय बढ़ाने से भी फायदा नहीं होगा क्योंकि सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। सबसे बड़ा इश्यू कप्यूटर, इंटरनेट का है। विशेषज्ञ नितिन राकेश ने कहा कि सीयूईटी 63 विषयों की सूची को कम कर 37 कर दिया है। यूजीसी को साफ करना चाहिए कि किन विषयों को कम किया है। जो विषय कम किए गए उन विषयों की तैयारी करने वाले छात्र यदि दूसरे विषय लेंगे तो उन्हेंदोबारा उस विषय की तैयारी करनी पड़ेगी। सीयूईटी विशेषज्ञ शाश्वती दीक्षित ने कहा कि मेजर विषयों की परीक्षा ऑफलाइन कराना ही बेहतर होगा।
वैकल्पिक प्रश्नों की अवधारणा को खत्म कर दिया गया
रोमा बच्चनी ने कहा सीयूईटी को सीबीटी मोड पर करने के साथ ही वैकल्पिक प्रश्नों की अवधारणा को खत्म कर दिया गया है। जिसका मतलब है कि प्रश्न हल करने का चयन छात्र नही कर सकेंगे। ऐसे में अगर छात्र गलत सवाल का जवाब देते है तो निगेटिव मार्किंग उनका नुकसान करेगी और अगर अटेम्प नहीं करते हैं तो उनका स्कोर कम होगा। उन्होंने कहा कि सीयूईटी पहले सीबीटी मोड पर ही दो वर्ष तक कराई गई। लेकिन नतीजा ये निकला कि परीक्षा के समय इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी से हर छात्र परेशान रहा, इसीलिए पिछले वर्ष सीयूईटी हाईब्रिड मोड पर कराई गई। एक बार फिर से सीबीटी मोड पर सीयूईटी कराना समस्याओं को बढ़ाने जैसा है।
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